इंदौर। एंड्राइड यूजर बड़ी संख्या में ऐसी एप का उपयोग कर रहे हैं जिससे उन्हें कभी भी भारी नुकसान हो सकता है। वाट्सएप की तरह किसी डेवलपर द्वारा इंटरनेट पर जीबी वाट्सएप नाम के एप की एपीके फाइल डाल दी गई। इसके बाद से लाखों यूजर अपने मोबाइल में डाउनलोड कर चुके हैं और वाट्सएप की जगह इस जीबी वाट्सएप का उपयोग कर रहे हैं। संदेश पढ़ने के बाद ब्लू टिक को छुपाने, स्टेटेस को नहीं दर्शाने और तय संपर्क नंबर को आनलाइन होने के बावजूद आफलाइन दिखाने जैसे फीचर होने के कारण असुरक्षित जीबी वाट्सएप का उपयोग किया जा रहा है। सायबर विशेषज्ञों का कहना है कि यह एप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद नहीं है। इससे आप समझ सकते हैं कि यह कितना खतरनाक हो सकता है। जीबी वाट्सएप का कोई अधिकारिक पोर्टल भी नहीं है और यह वाट्सएप की तरह बनाई गई एपीके फाइल है जिसमें कई फीचर डालकर मोबाइल यूजर को आकर्षित करने के लिए तैयार किया गया है। इसका उपयोग करने से मोबाइल में वायरस आने के साथ ही जिस डेवलपर ने जीबी वाट्सएप बनाया है वह किसी भी यूजर की जानकारी देख सकता है। इसका गलत उपयोग कर सकता है। जीबी वाट्सएप की तरह ही कुछ और एप जिसमें वाट्सएप प्लस, यो वाट्सएप और एफएम वाट्सएप को विशेषज्ञ किसी भी हालत में उपयोग नहीं करने की सलाह दे रहे हैं।
सायबर विशेषज्ञ चातक वाजपेयी का कहना है कि इसका उपयोग ज्यादातर युवा कर रहे हैं। कई युवाओं को पता भी है कि यह नुकसानदायक हो सकता है, लेकिन फिर भी वे रिस्क लेकर मोबाइल में इसे डाउनलोड कर रहे हैं। 2022 में मालवेयर प्रोटेक्शन और इंटरनेट सिक्योरिटी फर्म ईएसईटी की थ्रेट रिपोर्ट में भी इस एप का जिक्र करते हुए कहा गया था कि भारत के एंड्राइड यूजर में स्पाई एजेंट ट्रोजन मालवेयर सबसे ज्यादा संख्या में है। ट्रोजन एजेंट मालवेयर फाइलें या कोड होता है जो मोबाइल को टारगेट करता है। कुछ फीचर्स की लालच में इस तरह के एप का उपयोग करना काफी नुकसानदायक हो सकता है।
गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद असल वाट्सएप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद है। गूगल अपने सर्वर पर एप को जगह देने के पहले कई तरह की सुरक्षा की जांच करता है। इसमें किसी तरह का वायरस या एप का गलत मकसद तो नहीं है इसकी बारिकी से जांच की जाती है। इसके बाद इसे यूजर के लिए सार्वजनिक किया जाता है। वाट्सएप चैट एंड टू एंड एन्कि्प्टेड होती है। इससे जिस व्यक्ति को संदेश भेजा जाता है केवल वहीं संदेश को देख सकता है। जबकि जीबी वाट्सएप जैसे एप की जानकारी किस सर्वर पर एकत्रित हो रही है इसकी जानकारी किसी को नहीं होती है।
सायबर विशेषज्ञ हिमांशु जाजोदिया का कहना है कि वाट्सएप फेसबुक के स्वामित्व वाला सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग एप है। ऐसे में अगर वाट्सएप को जीबी वाट्सएप भी चलाने की जानकारी मिलती है तो इससे असल वाट्सएप अकाउंट प्रभावित हो सकता है। स्थाई या अस्थाई तौर पर यूजर का अकाउंट रद्द किया जा सकता है।