भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के असर से वातावरण में नमी आ रही है। इस वजह से बादल छा रहे हैं। साथ ही कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ वर्षा भी हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक बैतूल में एक, ग्वालियर में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। जबलपुर में बूंदाबांदी हुई।
राजधानी में शाम को अलग-अलग स्थानों पर तेज बौछारें पड़ीं। साथ ही कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और रीवा संभाग के जिलों में वर्षा होने के साथ ओले गिरने की भी संभावना है। मौसम का इस तरह का मिजाज 20 मार्च तक बना रह सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बादल बने रहने के कारण रात के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। दरअसल, वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।
उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। साथ ही दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन तीन मौसम प्रणालियों के सक्रिय होने के साथ ही हवा का रुख भी दक्षिणी बना हुआ है। इस वजह से वातावरण में नमी बढ़ रही है। इससे बादल छा रहे हैं। साथ ही वर्षा भी हो रही है। उधर, 19 मार्च को एक नया पश्चिमी विक्षोभ फिर उत्तर भारत की तरफ बढ़ेगा। इस वजह से अभी मौसम का मिजाज इसी तरह का बना रहने की संभावना है।