भोपाल। अलग–अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के कारण अरब सागर से नमी मिल रही है। इस वजह से मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में आंशिक बादल बने हुए हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार को जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है। बादल बने रहने के कारण अधिकतम तापमान में विशेष बढ़ोतरी होने की संभावना कम है। हालांकि 25 मार्च से मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बिगड़ने की आशंका है। 25–26 मार्च को ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, भोपाल, रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं आंधी चलने के साथ वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। पहले से सक्रिय एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ अब पूर्वी उत्तर प्रदेश से आगे बढ़ गया है। दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ से लेकर श्रीलंका तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इस ट्रफ लाइन के कारण अरब सागर से कुछ नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इससे पश्चिमी मध्य प्रदेश में आंशिक बादल बने हुए हैं। इससे अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना कम है। हालांकि ईरान पर बने पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर उसके असर से 25-26 मार्च को ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, भोपाल, रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं आंधी चलने के साथ वर्षा होने के आसार हैं। उधर गुरुवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम रहा। साथ ही यह बुधवार के न्यूनतम तापमान 18.6 की तुलना में 1.2 डिग्री सेल्सियस कम रहा।