भोपाल। चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरु हो चुकी है। नवरात्रि के दो दिन सबसे खास होते हैं। अष्टमी और नवमी के दिन लोग व्रत रखते हैं और अपने घरों में कन्या पूजन करते हैं। हिंदू धर्म में कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना गया है।
अष्टमी को दुर्गा अष्टमी और महाअष्टमी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के 8वें दिन माता महागौरी का पूजन किया जाता है। देवी महागौरी पवित्रता और शांति का प्रतीक हैं। महाष्टमी पर 9 छोटे बर्तन स्थापित किए जाते हैं। उनमें मां दुर्गा की शक्तियों का आह्वान किया जाता है। अष्टमी के दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। भक्त इस दिन बच्चियों की पूजा करते हैं। उन्हें खाना खिलाते और उपहार भी देते हैं। इस साल अष्टमी 29 मार्च को है। पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 28 मार्च को शाम 07.02 मिनट पर होगी। वहीं, समापन 29 मार्च को रात 09.07 मिनट पर होगा।
महानवमी नवरात्रि का नौवां दिन है। मान्यता है कि महानवमी के दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। नवमी के दिन भक्त माता के नौवें अवतार मां सिद्धिदात्री की आराधना करते हैं। इस साल महानवमी 30 मार्च को है। पंचाग के अनुसार, नवमी तिथि 29 मार्च को रात 09.07 मिनट पर शुरू होगी और 30 मार्च को रात 11.30 मिनट पर समाप्त होगी। महानवमी के दिन गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनने जा रहे हैं।
नवरात्रि की अष्टमी या नवमी पर कन्याओं को उनके घर जाकर निममंत्रण दें। गृह प्रवेश पर बच्चियों का पूरे परिवार के साथ स्वागत करें। अब कन्याओं को आरामदायक और साफ जगह पर बिठाएं। सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से धोएं। कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाएं। फिर मां अम्बे का ध्यान करके बच्चियों को भोजन कराएं। फिर अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा दें और उनके पैर छूकर आशीष लें।