बीना। सिविल अस्पताल बीना के मर्चुरी में तीन दिन से रखे अज्ञात युवक के शव को कीड़े खा रहे थे। मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी के दरवाजे खोलते ही अंदर का दृश्य देख कर लोगों को रोंगटे खड़े हो गए। शव में कीड़े लगे हुए थे। पुलिस ने आनन-फानन में पोस्टमार्टम की औपचारिकता कराकर देर शाम शव दफन करा दिया। वहीं दूसरी ओर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डीप फ्रीजर खराब होने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
जानकारी के मुताबिक 01 अप्रैल की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि हींगटी रोड के बाजू में खेत में अज्ञात युवक का शव पड़ा हुआ है। रात करीब 03 बजे पुलिस ने मर्ग पंचनामा कार्रवाई के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी में रखा दिया। डीप फ्रीजर मे शव रखते समय पुलिस और सफाई कर्मचारियों ने घोर लापरवाही बरती। बंद फ्रीजर में शव रखकर दो दिन तक किसी ने सुध नहीं ली। मंगलवार को जब पोस्टमार्टम के लिए शव डीप फ्रीजर से बाहर निकाला गया तो लोगों के रौंगटे खड़े हो गए। इसके बाद सड़ी-गली लाश को पोस्टमार्टम करने वाले सफाई कर्मचारी भी मर्चुरी से निकलकर बाहर आ गए। क्योंकि पूरी लाश पर कीड़ों की परत जम चुकी थी। बड़ी मुश्किल से एक सफाई कर्मचारी ने हिम्मत जुटाकर डा. आलोक यादव के साथ पोस्टमार्टम की औपचारिकता की। नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों की मदद से पुलिस ने देर शाम शव श्मशान घाट में दफना दिया।
पोस्टमार्टम के लिए शव डीप फ्रीजर से बाहर निकालते ही अस्पताल परिसर में दुर्गंघ फैल गई। स्थिति यह थी कि मर्चुरी से करीब 100 मीटर की दूसरे से निकलने पर लोगों को उल्टियां हो रही थीं। इस मामले में जब थाना प्रभारी कमल निगवाल से बात की तो उन्होंने कहा कि शव डीप फ्रीजर में ही रखा गया था, लेकिन फ्रीजर खराब होने से शव की यह स्थिति हुई है। इस संबंध में अस्पताल प्रभारी डा. संजीव अग्रवाल का कहना है कि पुलिस पोस्टमार्टम कराने मेरे पास आई थी, मैंने कहा था कि मृतक की उम्र 30 साल है, कोशिश करो कि उसकी शिनाख्त हो जाए। शव डीप फ्रीजर में रखा है, इसलिए वह खराब नहीं होगा, लेकिन बात में मुझे बताया गया कि फ्रीजर 15 दिन से खराब है। शव रखते समय देखना चाहिए था कि डीप फ्रीजर बंद है या चालू।