भोपाल। कांग्रेस मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह लगातार दौरे कर रहे हैं। सोमवार को कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की बैठक बुलाई गई हैं। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ समेत सभी बड़े नेता शामिल होंगे। इस दौरान अगले चुनावों की रणनीति पर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस ऐसा कुछ करने वाली है जो इससे पहले उसने अब तक नहीं किया।आम तौर पर चुनाव घोषित होने के बाद सामने वाले उम्मीदवार को देखकर ही प्रत्याशी तय होते हैं। कांग्रेस दो महीने पहले ही अधिकांश उम्मीदवार घोषित कर देगी। इससे उन प्रत्याशियों को जमीनी स्तर पर काम करने और प्रचार-प्रसार का भरपूर वक्त मिलेगा। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि पार्टी को लग रहा है कि इस बार पार्टी का टिकट न मिलने पर कुछ नेता बगावत कर सकते हैं। उन्हें बिठाने या दावेदारी वापस लेने के लिए मनाने के लिए भी पार्टी को वक्त मिलेगा।
दरअसल, पार्टी के ही कुछ नेताओं ने लगातार हारी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पहले तय करने का सुझाव दिया है। ताकि उन सीटों पर चुनाव से पहले काम करने का मौका मिल सके। कमलनाथ ने पहले ही सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टिकट देने की बात कही है। वह एक सर्वे करा भी चुके हैं। अभी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह लगातार विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। इसके बाद तैयार रिपोर्ट के आधार पर सभी पहलुओं को देखकर पार्टी टिकट बंटवारे को लेकर निर्णय लेगी। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव निर्णय लेगी, जो हमें सरकार बनाने में मजबूती देगा। पार्टी लगातार हार रही सीटों को लेकर रणनीति बना रही हैं। ताकि उन पर जीत हासिल की जा सके या हार-जीत के अंतर को कम किया जा सके।
सोमवार शाम को कमलनाथ के आवास पर पार्टी की राजनीकिक मामलों की बैठक होनी है। इसमें प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, दिग्विजय सिंह, गोविंद सिंह, अरुण यादव और सुरेश पचौरी, सज्जन सिंह वर्मा, अजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, जीतू पटवारी मौजूद रहेंगे। बैठक में आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने के साथ क्षेत्र अनुसार नेताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती हैं।