धार। धार के टांडा क्षेत्र में ताड़ी पीने के बाद एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई और 13 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया है। परिवार के यहां कुछ मेहमान आए थे जिनके लिए ताड़ी लाई गई थी। सभी ने एक साथ ताड़ी पी जिसके बाद सबकी तबियत बिगड़ गई। घटना में नसरू पिता अमरसिंह, काली बाई और गदिया पिता मंगतिया नाम के युवक की मौत हो गई है। जो लोग भर्ती हैं उनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। गंभीर लोगों को टांडा से धार रैफर किया है जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि परिजन से घटना की जानकारी ले रहे हैं। सोमवार सुबह धार अस्पताल में एक महिला का पोस्टमार्टम किया गया, वहीं दूसरे युवक का टांडा के अस्पताल तो तीसरे का झाबुआ जिले में पोस्टमार्टम हो रहा है।
टांडा थाना के गांव झडामली में रहने वाले ऐलसिंह पिता सुरसिंह के यहां पर महिला काली बाई पति इंदरसिंह व हषरु पिता इंदर सिंह मेहमान आए थे। यह लोग नुक्ते के कार्यक्रम की जानकारी देने के लिए ग्राम खेरली से झडामली आए थे। गांव से ही इन्होंने पांच लीटर ताड़ी खरीदी और सभी लोगों ने साथ में बैठकर पी। कुछ देर बाद अचानक सभी लोग बेहोश हो गए और नसरु की घर पर ही मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 13 लोग बीमार हुए हैं। जो अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने रविवार को सुबह ताड़ी पी थी और शाम को यह लोग बीमार हुए। अलग-अलग स्थानों पर 3 लोगों की मौत हुई है। फिलहाल यह माना जा रहा है कि अधिक मात्रा में ताड़ी पीने से मौत हुई है। मौके से एक कीटनाशक का पाउच भी मिला है, उसे मिलाया गया था या नहीं इसको लेकर जांच की जा रही है। क्षेत्रिय विधायक ने परिवार को इलाज के लिए सहयोग राशि दी है।
ताड़ी को Palm wine कहते हैं जो एक मादक पेय है। आदिवासी इलाकों में इसका बहुत अधिक उपयोग होता है। शराब की तरह लोग इसे पीते हैं। अप्रैल माह से जुलाई माह तक ताड़ के पेड़ से फल निकलते हैं जिनसे ताड़ी बनती है। ताड़ी का उपयोग उत्तर प्रदेश, झारखण्ड एवं बिहार में अधिक होता है। भारत के उन राज्यों में जो नदी, समुद्र के तटवर्ती इलाकों में हैं ताड़ी अधिक उपयोग होती है।