झाबुआ। मौसम के लिहाज से अप्रैल माह काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। अधिकतर दिन बादलों ने ही डेरा जमाए रखा। हालांकि, बीते कुछ वर्षों पर नजर डालें तो अप्रैल माह में सूर्य देवता के तेवर तीखे रहे हैं। वर्षों बाद इस बार अप्रैल माह में धरती कम तपी है। पिछले तीन दशक में ऐसा पहली बार हुआ है, जब पूरे अप्रैल महीने में पारा 40 डिग्री के पार नहीं पंहुचा। अब 22 मई से नौतपा शुरू होने वाले है, इसमें तेज गर्मी पड़ी तो अच्छी बारिश की संभावना है।
मौसम के जानकारों का कहना है कि अप्रैल माह में तेज धूप एवं लू का चलना शुरू हो जाना चाहिए। मई माह के अंतिम सप्ताह में यह प्रचंड पर पहुंच जाता है। जबकि अब तक की स्थिति ठीक नहीं है। 22 मई से लग रहे नौतपा से ही उम्मीद है। क्योंकि सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ सीजन की सबसे ज्यादा तपन होती है। माना जाता है कि इस दौरान सूर्य के धरती काफी करीब होती है। इसी के चलते सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं। जिससे तपन बढ़ती है। इसी से आने वाले समय मे मानसून का पता चलता है।
नौतपा के नौ दिनों पर ही निर्भर करता है कि आने वाला मौसम यानी मानसून कैसा होगा। अगर नौतपा में खूब गर्मी पड़ती है तो माना जाता है कि मानसून अच्छा होगा। ज्योतिषियों के अनुसार पंचांग के हिसाब से सूर्यदेवता 22 मई की सुबह रोहणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ नौतपा प्रारंभ हो जाएगा। नौतपा की समाप्ति 30 जून होगी। मान्यता है कि नौतपा के सभी दिन पूरे तपे तो आगे के दिनों में अच्छी वर्षा होगी।
झाबुआ के पेटलावद में इस बार सिर्फ 14 अप्रैल का दिन ऐसा रहा है, जिस दिन पारा 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बाद के ज्यादातर दिनों में तापमान 35 डिग्री के आसपास रहा। इस महीने भी गर्मी के तेवर पूरी तरह से ठंडे बने हुए हैं। शुक्रवार को पारा 32 और 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। शुक्रवार को भी दिनभर आसमान में बादल छाए रहे और वर्षा के आसार बनते रहे। इस दौरान सूर्य देवता ने भी दर्शन दिए, पर यह तपन बढ़ाने जैसे नहीं रहे।