शहडोल। जिले के सोहागपुर की ग्राम पंचायत खेतौली का उमरटोला रसोई गैस के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गया है। गांव के हर घर में गोबर गैस का प्लांट है। हर किसान जैविक खेती कर रहा है। इस गांव की जनसंख्या लगभग 1,200 है। कई लोगों ने उज्जवला योजना के तहत कनेक्शन भी लिए हैं।
हर घर में पशुधन हैं जिससे गोबर की जरूरत पूरी होती है। गोबर गैस प्लांट से जैविक खेती के लिए खाद मिलती है। उमरटोला में अधिकांश आदिवासी परिवार व किसान रहते हैं। यहां लगभग 175 गैस संयंत्र लगे हुए हैं जिससे अब सभी के घर में गोबर गैस से ही खाना पक रहा है।
गांव की कौशल्या सिंह बताती हैं कि 10 साल पहले प्लांट लगा था। इसके फायदे देखकर गांव के अन्य लोगों का ध्यान इस ओर गया। धीरे-धीरे सभी ने गोबर गैस प्लांट लगावा लिए। प्लांट से निकलने वाली स्लरी से जैविक खाद तैयार कर इसका खेत में इस्तेमाल कर रहे हैं, इससे खेती में वृद्धि हुई है।
खेतौली की करिश्मा सिंह ने बताया की गोबर गैस संयंत्र की लागत लगभग ₹16,000 है। कृषि विभाग के माध्यम से गांव के कई लोगों ने गैस संयंत्र लगाया। अब हर घर में इसी का उपयोग कर रहे हैं। अब गोबर गैस से रसोई का चूल्हा जल रहा है।
शहडोल के पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी अखिलेश नामदेव बोले-यह मेरा कार्यक्षेत्र रहा है और मैंने भी ग्रामीणों को गोबर गैस संयंत्र लगाने के लिए प्रेरित किया है।
संयुक्त संचालक कृषि जेएस पंद्राम बोले- शहडोल जिले के ग्राम पंचायत खेतौली के उमरटोला में अधिकांश ग्रामीणों के यहां गोबर गैस संयंत्र लगे हुए हैं। निश्चित रूप से यहां के ग्रामीण गोबर गैस संयंत्र का फायदा ले रहे हैं । यहां की महिलाएं गोबर गैस से ही चूल्हा जला रही है।