भोपाल। एमपी बीजेपी में भी बड़े बदलाव की सुगबुहाहट तेज हो गई। बुधवार को मुख्यमंत्री निवास में चार दिग्गज नेताओं की बैठक के बाद प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इसे प्रदेश में बदलाव से पहले एकजुटता दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि अब सबकी नजरें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 27 और 28 मई के दिल्ली दौरे पर टिक गई है। ऐसे तो यह दौरान आधिकारिक है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व से उनकी मुलाकात होगी।
मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में चुनाव है। इससे पहले पुरानी और नई भाजपा की लड़ाई खुलकर सामने आने लगी है। इसमें नाराज और असंतुष्ट नेताओं के उपेक्षा के आरोपों ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। सागर में मंत्रियों के वर्चस्व की लड़ाई सामने आने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर सीएम शिवराज, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक की। इससे प्रदेश में बड़े बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। केंद्र के बाद मध्य प्रदेश में भी मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है। इसमें कुछ मंत्रियों को बदला जा सकता है। वहीं, प्रदेश भाजपा में बढ़ते विरोध को दबाने के लिए कई नेताओं को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसको लेकर प्रदेश में सियासी चर्चा तेज हो गई है। हालांकि इस मामले को लेकर भाजपा नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
शुक्रवार को अचानक गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिलने उनके निवास पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में मुलाकात हुई। मुलाकात को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सामान्य बताया। उन्होंने कहा कि हमारे नेता और बड़े भाई है। हालांकि इसे भी एकजुटता दिखाने के प्रयास बताया जा रहा है।
BJP में प्रदेश भर में नाराज नेताओं को मनाने की कवायद में असंतोष खुलकर सामने आ रहा है। जबलपुर पश्चिम से पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया था। हालांकि कुछ घंटे बाद ही वह अपने बयान से पलट गए। पूर्व विधायक विजय राघवगढ़ ध्रुव प्रताप सिंह ने भी अपनी उपेक्षा का मुद्दा उठा कांग्रेस में जाने की धमकी दी थी।
नई और पुरानी भाजपा की लड़ाई अब खुलकर सतह पर आ गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले गुना सांसद केपी यादव अब खुलकर सामने आ गए हैं। पार्टी में लगातार हो रही उपेक्षा से नाराज केपी ने खुलकर हल्ला बोल दिया है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि कुछ लोग पार्टी की थाली में खा रहे हैं और उसी में छेद कर रहे हैं। उनका इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों की तरफ था। इसके बाद पूर्व मंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक इमरती देवी का बयान आया है कि गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से महाराज ही चुनाव लड़ेंगे। इस बार केपी यादव को टिकट नहीं मिलेगा। ये सारी चीजें बीजेपी को बेचैन कर रही है।
वरिष्ठ पत्रकार द्वारा बताया जा रहा है की भाजपा सरकार और संगठन में बदलाव के कयास लंबे समय से लगाए जा रहे है। 2020 में सरकार बनने के बाद से अब तक मंत्रिपरिषद में बदलाव या विस्तार नहीं हुआ है। मंत्रियों के चार पद खाली है। दूसरी तरफ बात करें संगठन की तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्याकाल समाप्त होने के बाद उसे बढ़ाने की कोई सूचना नहीं आई है। कहीं न कहीं पार्टी की गुटबाजी सतह पर भी आ रही है। इस स्थिति से निपटने के लिए जल्दी कोई बड़े फैसले लिए जाने की संभावना दिख रही है। इस दौर में एकजुटता का प्रदर्शन भी दिख रहा है। जिसके चलते बदलाव की संभावना आंकी जा रही हैं।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में भाजपा अन्य पिछड़ा वर्ग नेताओं की बड़ी बैठक आयोजित की गई है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और गुना सांसद केपी यादव शामिल है। बैठक में लाडली बहना योजना के प्रचार-प्रसार और मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर चलने वाले अभियान की तैयारियों की समीक्षा पर चर्चा की जाएगी।