भोपाल। एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी है। दरअसल, बुधवार 7 जून को सीएम कार्यालय में समत्व भवन में मंत्रियों के कामकाम का रिव्यू होगा। इसके लिए सीएम ऑफिस से सभी मंत्रियों को फोन कर इसकी सूचना दी गई है। रिव्यू कार्यक्रम का आयोजन शाम 7.30 बजे से शुरू होकर जो देर रात तक चलेगा। इसमें सभी की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। लिहाजा कुछ मंत्री अपने क्षेत्रों से निकल गए हैं।
इस बैठक में प्रभारी जिला मंत्री से उनके जिले की स्थिति और वहां बीते 3 सालों में क्या-क्या काम किया है, इसका ब्यौरा देंगे। इसके साथ ही बैठक में पूछा जाएगा कि मंत्री प्रभार के जिलों में कब-कब गए, उससे सटी हुई विधानसभा की स्थिति क्या है, वहां किस बीजेपी नेता से मिले, कार्यकर्ताओं की मीटिंग की या नहीं, भोजन किसके घर पर 2 किया जैसे सवाल शामिल रहेंगे।
सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद सभी मंत्रियों से बात करेंगे। इसमें संगठन से किसी को नहीं बुलाया गया है। मंत्रियों से चर्चा के बाद सीएम के साथ विधायक भी वर्चुअल जुड़ेंगे। दरअसल, पिछली बार मुख्यमंत्री व पार्टी के बड़े नेताओं ने सभी मंत्रियों को ताकीद कर दी थी, कि वे अपने प्रभार के जिलों में जाएं। कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करें। यह शिकायत नहीं मिलनी चाहिए कि मंत्री मिलते ही नहीं।
बैठक में सीएम मंत्री व विधायकों से ये भी पूछेंगे कि उन्होंने संबंधित स्थान पर किन-किन लोगों की मदद की है। क्योंकि ऐसा कई बार सुनने को मिलता है कि मंत्री विधायक के करीबियों का ही सिर्फ काम होता है। कई मंत्रियों व विधायकों को लेकर पार्टी को शिकायतें मिली हैं। कि क्षेत्र में सिर्फ उनके करीबियों को ही तवज्जो मिली है। पार्टी का आम कार्यकर्ता इससे नाराज है। इसी के बाद अब मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड लिया जाएगा। मंत्रियों से यह भी कहा गया था कि वे क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लें और नए कामों का भूमिपूजन करें।
आज होने वाली मीटिंग को लेकर सूत्रों का यह भी कहना है कि इस मीटिंग को बुलाने की एक वजह यह भी है कि लाड़ली बहना स्कीम का पहली किश्त 10 जून को महिलाओं के खाते में जाने वाला है। इसको लेकर मंत्रियों ने कितने प्रमाण-पत्र वितरित कर दिए, इसकी जानकारी रिव्यू के दौरान ली जाएगी। 10 जून के कार्यक्रम को बीजेपी उत्सव की शक्ल देना चाहती है। इसीलिए मंत्रियों को प्रभार के जिलों में भेजा जाएगा। कई जगह विधायक व सांसद भी रहेंगे।
बैठक में तबादले पर से बैन हटाने की भी चर्चा हो सकती है। मंत्री चाहते हैं कि जून में कम से कम 15 दिन के लिए बैन हटाया जाए। इस पर सीएम बुधवार को कुछ निर्णय कर सकते हैं, क्योंकि सामान्य प्रशासन विभाग ने नियम बना लिए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री इस दौरान वन-टू-वन भी बात कर सकते हैं। सीएमओ स्तर से इसकी तैयारी है। विधानसभा चुनाव से पहले इस कवायद को मंत्रियों की क्षेत्र में मौजूदा स्थिति के आंकलन से भी जोड़ा जा रहा है। मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड बाद में मुख्यमंत्री संगठन के वरिष्ठ नेताओं को भी भेज सकते हैं।