22 C
Bhopal
Friday, September 20, 2024

CM शिवराज बोले-आगे भी हम ही आने वाले हैं, यह मैं आत्मविश्वास के साथ बोल रहा हूं

Must read

भोपाल। एमपी एमएसएमई समिट 2023 का आयोजन सोमवार को भोपाल में किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम नई नई योजनाएं आपके लिए लेकर आ रहे है। मध्य प्रदेश में खुलकर निवेश कीजिए। यह मत सोचिए कि तीन से चार महीने में चुनाव आ रहे हैं। चिंता मत करना चुनाव के बाद भी हम ही आ रहे हैं। यह मैं आत्मविश्वास के साथ बोल रहा हूं। उन्होंने समिट में उद्यमियों से सार्थक चर्चा करने के लिए कहा। सीएम ने कहा कि मैं आपको वचन देता हूं कि जो आपके साथ-साथ उद्योग और प्रदेश के लिए बेहतर होगा। वह सब कुछ मैं करुंगा।

 

सीएम शिवराज बोले कि यह उलटी चीज है कि जो सम्मेलन बुलाई उसी का स्वागत किया जाएगा। मुख्यमंत्री का स्वागत, एमएसएमई मंत्री का स्वागत। हम तो मेजबान है। मेहमान आप है। मैं आप सभी का मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्वागत करता हूं। जो काम लघु, सूक्ष्म उद्योग एमएसएमई कर सकती है वो बड़े उद्योग भी नहीं कर सकते। बड़े को लाने का प्रयास करते रहेंगे, लेकिन छोटो को किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगे। उनकी अपनी उपयोगिता है। लेकिन एमएसएमई को देखे तो इंवेस्टमेंट 50 करोड़ का, लेकिन रोजगार 1 हजार देते है। यह राजगार जनित है। स्थानीय परिस्थितियां, स्थानीय कच्चा उत्पादन और स्थानीय संस्थानों पर भी आधारित होते है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लघु उद्योगों और कुटीर उद्योगों की महत्ता को स्वीकार करते है।

 

 

शिवराज ने कहा कि आर्थिक विकास के शुभ संयोग मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग यह हमारा समिट का ध्येय वाक्य है। मध्य प्रदेश का परिद्दश्य आपके सामने रखना चाहता हूं। अब हम बीमारू राज्य नहीं है। हम विकासशील से तेजी से विकसित राज्य के पाथ में जा रहे है। मैं आकड़ों के साथ आपको बता रहा हूं। मध्य प्रदेश की जीएसटी का साइज, प्रति व्यक्ति इनकम और बजट तेजी से बढ़ा। हमने तय किया है कि जिस सरकार सब्सिडी देना है उसी साल देंगे। हमारा बजट 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपए है। इसलिए हमने लाडली बहना का योजना दे दिया। हम तेजी से कैसे बढ़े। इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ना है।

 

 

 

हमारा मध्य प्रदेश पहले टूटी फूटी सड़कों के लिए जाना जाता था। गड्डों में सड़क, सड़क में गड्डा। हमने चारों तरफ सड़कों का जाल बिछा दिया है। चार लाख किमी सड़कें बना दी है। और अब हम एक्सप्रेस वे बना रहे है। अटल एक्सप्रेस वे, भिंड एक्सप्रेस वे, नर्मदा एक्सप्रेस वे। सीधे अमरकंटक से लेकर गुजरात तक नर्मदान नदी के किनारे किनारे। इन एक्सप्रेस वे के दोनो तरफ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनेगा उद्योगों के अनुकूल वातारण बनाया जाएगा। मप्र एक मात्र राज्य है जिसने लगातार 10 साल से एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट 18 प्रतिशत बना के रखी है। हम सड़कों के दबाव को भी कम करने की कल्पना पर विचार कर रहे है। उज्जैन रेलवे स्टेशन पर कोई उतरेगा तो रोप वे कार महाकाल कॉरीडार उतार देंगे। भोपाल में भी बड़े तालाब के ऊपर से सीधे एयरपोर्ट पर उतर जाएं। ऐसे अनेकों आईडिया है।

 

 

मध्य प्रदेश में एक के बाद एक उद्योग चले आ रहे है। रजिस्टर्ड एमएसएमई की संख्या 3 लाख 54 हजार 397 है। 18 लाख रोजगार सर्जन करने की क्षमता है। हमने एमएसएमई का कल्स्टर मॉडल डेवलप किया है। उन्होंने कहा कि इंदौर में 35 मंजिला पार्क बना रहे, जहां 20 हजार लोगों को एक साथ काम मिलेगा। भोपाल में हम ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हें। प्रारंभ में छह हजार और बाद में 10 हजार बच्चों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें दक्ष करेंगे। शाम तक चलने वाले समिट में 6 विषयों पर उद्यमी और विषय विशेषज्ञ चर्चा करेंगे।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!