इंदौर। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने गुरुवार को कहा कि मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से चीतों को शिफ्ट करने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कूनो में चीतों के लिए पर्याप्त शिकार है और चीतों को कहीं और स्थानांतरित करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि भविष्य में कूनो में कोई समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश में स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य को वैकल्पिक स्थल के रूप में चयनित करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि चीते मौसम और आवास के अनुरूप ढल रहे हैं और अपना क्षेत्र स्थापित कर रहे हैं और हमें उन्हें ऐसा करने के लिए समय देना चाहिए।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था। जबकि दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते 18 फरवरी को कूनो में छोड़े गए थे। वहीं, एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिसके बाद चीतों की संख्या बढ़कर 24 हो गई थी। लेकिन पिछले तीन महीनों में तीन वयस्क चीतों और तीन शावकों की मौत हो गई, जिसके बाद कूनो में आवास, शिकार आधार और वन्यजीव प्रबंधन की उपयुक्तता पर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे।
कुछ लोगों ने यह भी दावा किया कि कूनो में जगह और शिकार की कमी है। उन्होंने चीतों को अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया था। चीता शावक की मौत के मद्देनजर, केंद्र ने पिछले महीने चीता पुनरुत्पादन कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा और निगरानी के लिए 11 सदस्यीय उच्च स्तरीय संचालन समिति का गठन किया था। सरकार और परियोजना में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि मृत्यु दर सामान्य सीमा के भीतर है। चीता के पुनरुत्पादन की कार्य योजना में स्थानांतरण के पहले वर्ष में 50 प्रतिशत तक मृत्यु का अनुमान लगाया गया था।