27.9 C
Bhopal
Tuesday, October 29, 2024

BJP के पूर्व विधायक ने खोया आपा, अपनी ही पार्टी के सिंधिया को बता दिया ये

Must read

भोपाल। एमपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं की भाषा अमर्यादित होने लगी है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का तीन साल पहले कांग्रेस से भाजपा में किया दलदबल अब बड़ा मुद्दा बन रहा है। शाजापुर के पूर्व भाजपा विधायक अरुण भीमावद तो नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में आपा खो बैठे और कांग्रेस के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी बरस पड़े। उन्हें नामर्द तक कह दिया।

 

 

भाजपा के पूर्व विधायक ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को नामर्द नेता बता दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर कांग्रेस सरकार को गिराने का आरोप लगाया। कालापीपल के कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘तू कितना भी घूम ले, इस विधानसभा में अब तेरी दाल गलने वाली नहीं है।’

 

 

भीमावद ने कहा कि ‘2002 में हमारे कार्यकर्ताओं में भी जोश आया, इस सरकार को गिरना चाहिए। कोई ज्योतिरादित्य सिंधिया नामर्द, जो कांग्रेस का नेता था, उस समय उन्हें भगवान ने सद्बुद्धि दे दी और वह कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आ गए। इससे हमारी भावनाएं भी बढ़ी। ईश्वर ने हमारी बातों को सुना। जनता की आवाज को सुना। कार्यकर्ताओं की आवाज को सुना। दिग्विजय सिंह का भी मन कहीं ना कहीं वहां प्रताड़ित था। उन्होंने भी फैसला लिया। भाजपा की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कुणाल चौधरी को चेतावनी देता हूं, तू कितना ही घूम ले, इस विधानसभा में अब तेरी दाल गलने वाली नहीं है।

 

भाजपा विधायक के बिगड़े बोल पर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने पलटवार किया। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल किया और कहा कि भाजपा के पूर्व विधायक आपको नामर्द नेता कह रहे हैं। इस पर सिंधिया जी क्या कहना चाहते हैं? यह उनकी इज्जत है या बेइज्जती है, सिंधिया बताएं? उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। जिस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग वे कर रहे हैं, कहीं ना कहीं उनके मानसिक दिवालियापन को बताता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जी से मेरा सवाल है कि भाजपा के पूर्व विधायक आपको नामर्द नेता कह रहे हैं। यही आपको मान सम्मान है जो भाजपा में मिला है। इसका जवाब मुझे सिंधिया जी देने का काम करें। जिस तरीके के शब्दों का चयन एक नेता के प्रति किया गया, यह दुर्भाग्य है। जब सिंधिया जी के प्रति इस तरह के भाव हैं तो हमारे प्रति क्या होंगे, उस पर बात करने की जरूरत नहीं है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!