भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जिला स्तर पर अधिकारी कर्मचारियों के तबादले अब सात जुलाई तक करने की अनुमति दी गई। यह अवधि अभी 30 जून निर्धारित थी। बैठक में लाडली बहना सेना के गठन के बारे में चर्चा की गई। यह कार्य 15 जुलाई से 15 अगस्त तक किया जाएगा। 10 जुलाई से लाडली बहना कार्यक्रम फिर प्रारंभ होगी, जिसमें 21 वर्ष की महिलाओं को योजना में शामिल किया जाएगा। जुलाई के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत कार्यक्रम होंगे।
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में संचालित होने वाली दीनदयाल रसोई योजना के साथ अब मामा की थाली नाम जोड़ा जाएगा। कैबिनेट बैठक में बुधवार को यह निर्णय लिया गया। गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि नगर निगम के साथ नगरपालिका स्तर तक दीनदयाल रसोई योजना संचालित की जाएगी। इसमें खाना खाने वालों से 10 रुपये के स्थान पर पांच रुपये ही लिए जाएंगे। योजना के नाम के साथ मामा की थाली भी जोड़ा जाएगा।
प्रदेश के खरगोन, धार, भिंड , बालाघाट, टीकमगढ़ और सीधी जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोलने का निर्णय भी कैबिनेट में लिया गया। प्रत्येक महाविद्यालय में 100-100 सीट एमबीबीएस की रहेंगी। इन कालेजों के खुलने के बाद प्रदेश में इन कालेजों के खुलने के बाद प्रदेश में 30 मेडिकल कालेज हो जाएंगे। भाजपा की सरकार आने से पहले प्रदेश में कुल पांच मेडिकल कालेज हुआ करते थे। केबिनेट बैठक में यह भी तय किया गया कि प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की जो खरीद हुई है, उस पर मंडी शुल्क और निराश्रित शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह प्रति 100 रुपये की खरीदी पर एक रुपये 70 पैसे शुल्क लगता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में केले की फसल को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान पर आर्थिक सहायता देने के नियमों में संशोधन का निर्णय लिया गया है। अब 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर एक लाख रुपये के स्थान पर दो लाख की सहायता किसानों को मिलेगी। वहीं, 33 से 50 प्रतिशत तक नुकसान होने पर 27 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के स्थान पर 54 हजार और 25 से 33 प्रतिशत तक क्षति होने पर 15 हजार रुपये के स्थान पर 30 हजार रुपये की राहत राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार मध्य प्रदेश को मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि है। कई चीजों में हम नंबर एक हैं। पहले हमने स्वच्छता के क्षेत्र में पुरस्कार लिया और अब मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय जल पुरस्कार मिला है। हम पहले स्थान पर आए हैं। बढ़ती हुई सिंचाई की क्षमता, पानी की एक बूंद का हम बेहतर उपयोग कैसे कर सकते हैं, हम इसके प्रयास कर रहे हैं। हम कैनाल इरीगेशन के साथ प्रेसराइज्ड पाइप से सिंचाई की परियोजना बनाएंगे क्योंकि उतने ही पानी में लगभग पौने दोगुना सिंचाई हो जाती है।