इंदौर। मटीएच हॉस्पिटल में प्रबंधन की लापरवाही से बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कुछ बच्चों की मौत के बाद परिजन ने अस्पताल में हंगामा किया है जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे हैं। परिजन ने आरोप लगाया कि नर्सों ने देर रात एक बच्चे को पाउडर मिलाकर इंजेक्शन से दूध मुंह में प्रेशर से डाल दिया था। जो बच्चे के गले में जाकर अटक गया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह भी कहा कि यहां खराब दूध की वजह से बच्चों की मौत हो रही है। अस्पताल में हंगामा करते हुए परिजन ने नर्स और डाक्टर्स से भी झूमाझटकी की। वहीं प्रबंधन अभी एक बच्चे की मौत फीडिंग के दौरान और दूसरे की मौत का कारण निमोनिया बताया जा रहा है।
हॉस्पिटल प्रबंधन ने बताया है कि हर महीने 600 के लगभग बच्चे भर्ती होते हैं जिनमें से 20 से 30 बच्चों की मौत विभिन्न कारणों से होती है। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से एसोसिएट प्रोफेसर सुनील आर्य ने बताया कि कहना है कि 24 घंटे के अंदर दो बच्चों की मौत हुई है और परिजन के आरोप गलत है। बच्चों की मौत का कारण दूध नहीं था। इस विषय पर अस्पताल का कहना है कि यदि बच्चे के फेफड़े कमजोर होते हैं तो दूध पिलाते वक्त कई बात उसे तेज खांसी आने या फिर दूथ आहार नली में चले जाने की वजह से उसके लिए गंभीर मामला हो जाता है। मिलावट वाला दूथ देने के सभी आरोप गलत हैं।
बच्चों की मौत के मामले में परिजन ने लापरवाही के आरोप लगाए हैं। परिजन का कहना है कि बच्चे की तबियत बिगड़ने पर भी नर्स उसे देखने नहीं आई और मोबाइल में गाने सुनती रही। बच्चे को समय पर इलाज मिल जाता तो यह हादसा नहीं होता।
अस्पताल में हंगामे के बाद कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि लापरवाही से कई बच्चों की मौत का मामला गलत है। जो लोग हंगामा कर रहे हैं उन्हें नियंत्रित करने के लिए अमला भेजा गया है। अस्पताल में अभी बड़ी संख्या में बच्चे और माताएं भर्ती हैं उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है। दो बच्चों की मौत के मामले में परिजन ने जो आरोप लगाए हैं उनकी भी जांच कर रहे हैं।