विदिशा। जिले में राज्य सरकार की स्कूटी योजना के लिए चिन्हित 161 विद्यार्थियों को पहले स्कूटी चलाना सीखना और ड्राइविंग लाइसेंस लेना होगा। उसके बाद उन्हें सरकार की ओर से स्कूटी दी जाएगी। विद्यार्थियों को वाहन चलाने का प्रशिक्षण और लाइसेंस बनाने का जिम्मा शिक्षा विभाग को सौंपा है। जिले में 88 स्कूलों के 81 छात्र और 80 छात्राओं को स्कूटी मिलना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बजट सत्र में कक्षा बारहवीं में स्कूल में सबसे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को स्कूटी देने की घोषणा की थी। इसी घोषणा के पालन में जिले में कुल 161 विद्यार्थियों का चयन किया है। शिक्षा विभाग के सहायक संचालक विनोद चौधरी ने बताया कि स्कूलों के टॉपर को स्कूटी देने से पहले सरकार ने बच्चों को यातायात नियमों का पालन कराने के लिए उन्हें वाहन चलाने और लाइसेंस बनवाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह जिला परिवहन विभाग से समन्वय स्थापित कर बच्चों को वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा शिविर लगाकर विद्यार्थियों के ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि चयनित विद्यार्थियों में से 40 ने लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर दिए हैं।
चौधरी के मुताबिक प्रशिक्षण और लाइसेंस के बाद स्कूटी की राशि विद्यार्थियों के बैंक खातों में जमा कराई जाएगी। वे इस राशि से इलेक्ट्रानिक या पेट्रोल से चलने वाली स्कूटी खरीद सकते हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार स्कूटी योजना में चयनित छात्र छात्राओं के वाहन चलाने के प्रशिक्षण पर प्रति विद्यार्थी पांच सौ रुपए खर्च किए जाएंगे। सहायक संचालक चौधरी के मुताबिक इस राशि में ड्राइविंग लाइसेंस की फीस और बच्चों के आने–जाने का खर्च भी शामिल होगा। प्रशिक्षण के दौरान यातायात पुलिस के अधिकारी बच्चों को बारीकी से यातायात नियमों की जानकारी देंगे।