भोपाल। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह की पहली बैठक में पदाधिकारियों ने जमकर भड़ास निकाली। जिला अध्यक्षों ने चुनाव में हार के लिए भितरघात को जिम्मेदार ठहराया तो कुछ ने संगठन की व्यवस्था पर प्रश्न उठाए। पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर कई शिकायतें भी संगठन के पास पहुंच चुकी हैं। बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया। जिला कार्यकारिणी और प्रभारी फिलहाल काम करते रहेंगे।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मंगलवार को प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष और प्रभारियों की बैठक बुलाई गई थी। सूत्रों के अनुसार इसमें छतरपुर जिला इकाई के अध्यक्ष महाप्रसाद पटेल ने कहा कि कांग्रेस को भाजपा ने नहीं, हमारे लोगों ने ही हराया है। जिनको टिकट नहीं मिला, उन्होंने दोगुनी ताकत पार्टी प्रत्याशी को हराने में लगाई। लाड़ली बहना या ईवीएम ने हमें नहीं हराया है।
प्रत्येक विधानसभा में 50 हजार से अधिक वोट मिले हैं। उन्होंने छतरपुर से चुनाव हार आलोक चतुर्वेदी को खजुराहो संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की बात भी रखी। वहीं, श्योपुर के अध्यक्ष अतुल चौहान ने कहा कि प्रत्याशी ही चुनाव लड़ता रहा। संगठन कहीं नजर नहीं आया। मंडला और मुरैना इकाई के पदाधिकारियों ने संगठन की नियुक्ति प्रक्रिया की बात उठाई। उन्होंने कहा कि हमें पता ही नहीं चलता है और नियुक्ति हो जाती है। बैठक के बाद पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा कि भितरघात को लेकर शिकायतें आई हैं, जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह ने सबकी बात सुनने के बाद कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। जिलों की कार्यकारिणी और प्रभारी काम करते रहेंगे। जिला अध्यक्ष स्वतंत्र रूप से काम करें। ब्लाक इकाइयों में नियुक्तियां अब राज्य स्तर से नहीं होंगी।
जिला इकाइयां गुण-दोष के आधार पर निर्णय करेंगी। अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संगठन में राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप युवाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। इसकी शुरुआत प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता बनाकर कर दी गई है। काम करने वालों को संगठन में प्राथमिकता दी जाएगी। मैं और प्रदेश अध्यक्ष पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे। प्रत्येक तहसील और ब्लाक तक पहुंचेंगे। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थिति थे।