जबलपुर: मध्य प्रदेश पुलिस पिछले दो साल से एक ऐसे शख्स की तलाश कर रही है, जिसने 12 शैल कंपनियों के बैंक खातों का उपयोग करके क्रिकेट सट्टेबाजी से कमाए गए 1,000 करोड़ रुपये विदेश भेज दिए हैं। इस शख्स का नाम सतीश सनपाल है, और पुलिस उसकी तलाश में 10 जून 2022 से जुटी हुई है। सतीश पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सतीश सनपाल को विदेश से धरपकड़ की तैयारी की जा रही है
हाल ही में सतीश सनपाल फिर से सुर्खियों में आया है, क्योंकि उसके करीबी सहयोगी और इनामी सटोरिए विवेक पांडे की अग्रिम जमानत याचिका को हाई कोर्ट ने 2 अगस्त को खारिज कर दिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अगर पांडे को जमानत मिल जाती, तो सतीश सनपाल भी उसी आधार पर जमानत के लिए याचिका दाखिल करता। हालांकि, उनके मंसूबे सफल नहीं हो सके। सतीश और विवेक ने शैल कंपनियां ऐसे लोगों के नाम से बनाई थीं, जिन्हें इसके बारे में कुछ भी नहीं पता था।
शैल कंपनियों का खुलासा
शैल कंपनियों के इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब 19 मई 2022 को जबलपुर में एक छापेमारी हुई। पुलिस को सूचना मिली थी कि राइट टाउन स्थित आरके टावर में सतीश सनपाल का ऑफिस चल रहा है। यह जानकारी कुछ दिनों पहले मदनमहल में पकड़े गए क्रिकेट सटोरियों से मिली थी।
पुलिस की टीम ने छापेमारी के दौरान सतीश सनपाल के चाचा मनोज सनपाल और कर्मचारी दीपक रजक को हिरासत में लिया। ऑफिस की तलाशी में पुलिस को 27 विभिन्न कंपनियों की सील, तीन ऋण पुस्तिकाएं, 34 चेक बुक्स, प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज और 21 लाख 55 हजार 600 रुपये की नगदी मिली।
सतीश दुबई में बैठकर ओपन वेब से सेट स्पोर्ट्स, मुंबई एक्सचेंज, सेट कैसिनो के माध्यम से सभी प्रकार के खेलों का सट्टा पूरे भारत में बुकियों के माध्यम से खिलवाता है। इसका पेमेंट वह कैश और शैल कंपनियों के खातों में कराता है। सतीश तक सट्टे की रकम हवाला के जरिए पहुंचती है।
जब पुलिस ने सतीश सनपाल के कार्यालय से मिली शैल कंपनियों की सील और चेक बुक्स की जांच की, तो यह साफ हुआ कि ये सभी कंपनियां बोगस थीं और केवल कागजों पर संचालित हो रही थीं। पुलिस जब इन कंपनियों के पते पर पहुंची, तो वहां कोई कंपनी नहीं मिली।
पुलिस ने जब इन 12 शैल कंपनियों के नाम पर खोले गए बैंक खातों का ब्योरा निकाला, तो पता चला कि इन खातों में अब तक 1003 करोड़ रुपये जमा हुए थे और 1001 करोड़ रुपये निकाले जा चुके थे। खातों में 2 करोड़ 12 लाख रुपये शेष थे, जिन्हें पुलिस ने फ्रीज कर दिया।
बैंक खातों की जांच में यह भी सामने आया कि ये सभी खाते अलग-अलग लोगों के नाम पर खोले गए थे। इन खातों में सबसे अधिक ट्रांजैक्शन एक्सिस बैंक, यस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के खातों से किए गए थे।
प्रमोद रजक का खुलासा
इस मामले में पुलिस ने एक और बड़ी सफलता तब हासिल की जब उन्होंने प्रमोद रजक नाम के व्यक्ति से पूछताछ की। प्रमोद के नाम पर वाशित सर्विसेज ओपीसी प्रा. लि. नामक शैल कंपनी संचालित हो रही थी, जो कि उसके घर से ही चलाई जा रही थी। हालांकि, जब पुलिस प्रमोद के घर पहुंची, तो वहां कोई कंपनी नहीं मिली। प्रमोद लोगों के कपड़े प्रेस करने का काम करता है और उसने बताया कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई है। प्रमोद के दस्तावेजों का उपयोग कर सतीश सनपाल और उसके सहयोगियों ने शैल कंपनी बनाई और बैंक में खाते खोले।
इस पूरी जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि सतीश सनपाल और विवेक पांडे फिलहाल दुबई में हैं। वे वहां से अग्रिम जमानत की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस अभी तक उन्हें पकड़ने में नाकाम रही है। इस मामले की जांच अभी भी जारी है और पुलिस की कोशिश है कि वे जल्द से जल्द इन आरोपियों को पकड़ सकें।
जानिए कौन है सतीश सनपाल
सतीश सनपाल जो भारत में क्रिकेट सट्टेबाजी के गोरखधंधे और वित्तीय घोटालों के लिए जाना जाता है। मध्य प्रदेश पुलिस पिछले दो साल से उसकी तलाश कर रही है, क्योंकि उसने क्रिकेट सट्टे से कमाए गए एक हजार करोड़ रुपये को 12 शैल कंपनियों के माध्यम से विदेश भेज दिये है। जबलपुर पुलिस ने 10 जून 2022 से उसकी तलाश शुरू की और उस पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है।
सतीश सनपाल का अपराधी नेटवर्क बेहद संगठित है। उसने और उसके सहयोगियों ने विभिन्न लोगों के नाम पर शैल कंपनियां बनाई थीं। इन कंपनियों का उपयोग काले धन को सफेद बनाने और बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए किया जाता था। इन शैल कंपनियों के जरिए सतीश ने एक हजार करोड़ रुपये की राशि को विदेश में ट्रांसफर किया। पुलिस जांच में सामने आया कि ये कंपनियां कागजों पर ही अस्तित्व में थीं और इनका कोई वास्तविक व्यवसायिक ऑपरेशन नहीं था।
गिरफ्तारी से बचने के लिए दुबई में ठिकाना
सतीश सनपाल और उसका मुख्य सहयोगी विवेक पांडे, जो कि उसका दाहिना हाथ माना जाता है, इस समय दुबई में हैं। ये दोनों गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत से फरार हो गए। सतीश सनपाल और विवेक पांडे के खिलाफ भारतीय अदालतों में कई मामले लंबित हैं, और हाल ही में हाई कोर्ट ने विवेक पांडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अगर पांडे को जमानत मिल जाती, तो सतीश सनपाल भी उसी आधार पर जमानत के लिए याचिका दाखिल कर सकता था।
कैसे हुआ खुलासा?
मई 2022 में जबलपुर के राइट टाउन स्थित आरके टावर में एक छापे के बाद सतीश सनपाल और उसकी शैल कंपनियों का खुलासा हुआ। क्राइम ब्रांच और लार्डगंज पुलिस ने इस छापे के दौरान उसके कार्यालय से 27 विभिन्न शैल कंपनियों की सील, चेक बुक, प्रॉपर्टी के कागजात और 21 लाख रुपये नकद जब्त किए। इसके बाद पुलिस ने इन शैल कंपनियों के बैंक खातों की जांच की, जिसमें पता चला कि 12 शैल कंपनियों के खातों में कुल 1003 करोड़ रुपये जमा किए गए थे और लगभग पूरी राशि विदेश भेज दी गई थी।
सतीश सनपाल की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। दुबई में उसका सुरक्षित ठिकाना होने के कारण वह भारतीय कानून से बाहर है।
लग्जरी लाइफ़स्टाइल जीने का शौकीन है सतीश सनपाल
लग्जरी लाइफ़स्टाइल जीने का शौकीन सतीश सनपाल खुद को वी आई क्लब का मालिक बताता है. करीब 3 से 4 साल के अंतराल में सट्टा और हवाला से जुड़े कई मामलों में इसके तार सतीश सनपाल से जुड़ चुके हैं. लेकिन आज तक वो पुलिस रडार से बाहर है. जिला पुलिस ने लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया है. जल्द प्रयास किए जा रहे हैं कि सतीश सनपाल की गिरेबां तक जांच एजेंसियां पहुंच सकें.