बगदाद: इराक में हाल ही में पेश किए गए एक विवादास्पद विधेयक ने व्यापक विरोध और चिंता को जन्म दिया है। इस विधेयक के तहत, लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र को 18 साल से घटाकर 9 साल करने का प्रस्ताव है। यह प्रस्ताव शिया इस्लामिस्ट पार्टियों द्वारा पेश किया गया है, जो देश के पर्सनल लॉ में संशोधन करने की कोशिश कर रही हैं।
वर्तमान में इराक के विवाह के लिए न्यूनतम आयु 18 साल है, लेकिन यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो 9 साल की लड़कियों और 15 साल के लड़कों को विवाह की अनुमति मिल सकती है। इस विधेयक के तहत, नागरिकों को पारिवारिक मामलों के निर्णय लेने के लिए धार्मिक अधिकारियों या नागरिक न्यायपालिका के बीच चयन करने की सुविधा दी जाएगी।
महिला अधिकार संगठन इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कानून बाल विवाह और शोषण को बढ़ावा देगा, जिससे बच्चों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। विरोधियों का यह भी मानना है कि इस विधेयक से विरासत, तलाक और बाल हिरासत जैसे मामलों में अधिकारों में कटौती हो सकती है।
ड्राफ्ट बिल का कहना है कि जोड़ों को व्यक्तिगत स्थिति के सभी मामलों में सुन्नी या शिया संप्रदाय के बीच चयन करना होगा। अगर पति-पत्नी के बीच विवाह के अनुबंध के प्रावधानों को लेकर विवाद होता है, तो इसे पति के रीतियों के अनुसार माना जाएगा, जब तक इसके विपरीत कोई सबूत न हो। इसके अलावा, अदालतों के बजाय शिया और सुन्नी बंदोबस्ती के कार्यालयों को विवाह कराने की अनुमति दी जाएगी।
विधेयक के प्रस्तुतकर्ता, जो इराक की संसद में सबसे बड़ा गुट हैं, का कहना है कि यह संशोधन धार्मिक प्रथाओं और परंपराओं को मान्यता देने के लिए किया गया है। हालांकि, इस प्रस्तावित कानून ने समाज के विभिन्न वर्गों में चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है।