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Saturday, September 21, 2024

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के बीच अखिलेश यादव का बयान, सरकार से की ये अपील

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डेस्क: बांग्लादेश में हाल ही में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर लगातार हमले की घटनाओं की खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि किसी भी समुदाय, चाहे वह बहुसंख्यक हो या अल्पसंख्यक, को हिंसा का शिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से भी इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की अपील की है।

अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कोई भी समुदाय, चाहे वह बांग्लादेश का बहुसंख्यक हो या हिंदू, सिख, बौद्ध या अन्य धर्मों के अल्पसंख्यक, हिंसा का शिकार नहीं होना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे को मानवाधिकार की रक्षा के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्ती से उठाना चाहिए, क्योंकि यह हमारी सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा है।

5 अगस्त को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई थी। कई पुलिस स्टेशनों पर हमले हुए और आगजनी की घटनाएं हुईं। हिंदू समुदाय के लोगों के घरों और प्रतिष्ठानों को जलाया गया और मंदिरों में भी आग लगाई गई। इस हिंसा के परिणामस्वरूप अब तक 560 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें पिछले एक हफ्ते में 230 से ज्यादा लोग शामिल हैं।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख, मोहम्मद यूनुस, ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चर्चा के लिए सोमवार को हिंदू समुदाय और छात्र संगठनों के सदस्यों के साथ बैठक बुलाई है। शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से अब तक 205 हमले हुए हैं। अंतरिम सरकार ने इस मुद्दे को हल करने और हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चर्चा करने का संकेत दिया है।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों को 52 जिलों में हमलों का सामना करना पड़ा है। मंत्रिमंडल के नए सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद, अंतरिम सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों को गंभीर चिंता के साथ देखा है।

वहीं, अल्पसंख्यक समूह सड़क पर उतर आए हैं और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अल्पसंख्यक संरक्षण कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं। हिंदू छात्र समूह ने आठ सूत्री मांगों की सूची तैयार की है, जिसमें फास्ट-ट्रैक अदालतें, अल्पसंख्यक संरक्षण कानून, और अन्य सुधार शामिल हैं। ये मांगें मोहम्मद यूनुस के सामने उठाई जाएंगी।

मोहम्मद यूनुस ने पहले ही अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा की थी और इसे जघन्य बताया था। उन्होंने युवाओं से हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों की सुरक्षा करने का आग्रह किया है।

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