सागर: यहाँ परसोरिया के एक अवैध मदरसे के निरीक्षण के दौरान मप्र बाल संरक्षण आयोग को कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। संस्था पर अवैध गतिविधियों के साथ मानव तस्करी का भी संदेह जताया जा रहा है। आयोग के सदस्यों को वहाँ 12 अनाथ बच्चे मिले, जिनके बारे में संस्था के पास कोई जानकारी या रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
न तो यह पता है कि बच्चे कहाँ से आए हैं और न ही यह कि उन्हें संस्था को किसने सौंपा है। इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है, और अब इसे मानव तस्करी के संदर्भ में भी देखा जा रहा है।
आयोग के सदस्य आंकार सिंह के अनुसार, मौलाना आजाद स्कूल के साथ संचालित इस अवैध मदरसे और छात्रावास में रह रहे बच्चों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है। आमतौर पर अनाथ बच्चों को बाल कल्याण समिति के माध्यम से अनाथालय भेजा जाता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। यदि बच्चों को उनके परिजनों ने इस संस्था को सौंपा है, तो इसकी जानकारी जिला प्रशासन, बाल कल्याण समिति, या आयोग को दी जानी चाहिए थी, जो कि नहीं दी गई। इससे मानव तस्करी की आशंका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।
मप्र बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह का कहना है कि, निरीक्षण के दौरान संस्था किसी भी बच्चे की सही जानकारी देने में असमर्थ रही। बच्चों के आने की जगह, और उन्हें किसने सौंपा, ये सभी सवाल अब जांच का विषय बन गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर को भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।