भोपाल। राजधानी भोपाल में भुजरिया पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। मंगलवारा क्षेत्र से शुरू हुए इस परंपरागत भुजरिया चल समारोह ने दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच किन्नरों ने सोलह श्रृंगार के साथ भव्य जुलूस निकाला, जिसमें उनकी आकर्षक वेशभूषा और फिल्मी गानों पर नृत्य ने सभी का ध्यान खींचा।
फिल्मी थीम पर किन्नरों का प्रदर्शन
भुजरिया समारोह में किन्नरों ने बॉलीवुड एक्ट्रेस की थीम पर आधारित गेटअप में जुलूस का हिस्सा बनकर शानदार प्रदर्शन किया। सिर पर भुजरिया रखकर और सोने-चांदी के जेवरात से सजे किन्नर जैसे ही जुलूस में शामिल हुए, दर्शकों की भीड़ जमा हो गई। मंगलवारा की मुस्कान, महक, पल्लवी, पूनम, नानू जैसे प्रमुख किन्नरों ने फिल्मी गानों पर ठुमके लगाए, जिससे हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।
आक्रोश और सामाजिक संदेश
इस समारोह के दौरान किन्नर समुदाय ने हाल ही में कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना पर आक्रोश प्रकट किया। किन्नरों ने कहा कि अपराधियों को समाज में जीने का कोई अधिकार नहीं है और पूरे देश का किन्नर समुदाय आरोपी को फांसी देने की मांग करता है। नानू ने इस घटना के बाद सरकार से लड़कियों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की अपील की और कहा कि लड़कियों को स्वतंत्रता देने का समय आ गया है।
इतिहास और परंपरा की झलक
भुजरिया जुलूस की परंपरा नवाबी शासनकाल से चली आ रही है। इतिहासकारों के अनुसार, जब शहर में अकाल पड़ा था, तो किन्नरों के जुलूस के बाद वर्षा होने लगी थी। तभी से यह परंपरा शुरू हुई, जो आज भी कायम है। बदलते समय के साथ इस जुलूस में फिल्मी प्रभाव दिखाई देने लगा है, और किन्नर फिल्मों के अंदाज में सज-धज कर जुलूस में शामिल होते हैं और प्रदेश व देश की समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं।
उत्सव और आशीर्वाद
इस भव्य जुलूस के अंत में किन्नर समुदाय ने गुफा मंदिर में विसर्जन कुंडों में भुजरियों का विसर्जन किया। इस अवसर पर कई लोग उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भुजरिया समारोह का यह भव्य आयोजन भोपाल के सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक तत्वों का सुंदर समागम देखने को मिलता है।