उज्जैन: दिल्ली की एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर कपिल सिंह ने हाल ही में अपने साहसिक और प्रेरणादायक प्रयासों से सबका ध्यान आकर्षित किया है। कपिल ने अमरनाथ से रामेश्वरम तक की लगभग 3000 किलोमीटर की पैदल यात्रा की शुरुआत की, जो न केवल उनकी धार्मिक श्रद्धा को दर्शाती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके समर्पण का भी प्रतीक है।
कपिल अब तक 2000 किमी की यात्रा कर महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। यहां उनकी पत्नी समेत परिवार के लोगों ने हौसला बढ़ाया।
यात्रा की शुरुआत
30 जून को कपिल सिंह ने अमरनाथ से अपनी यात्रा की शुरुआत की। उनकी इस यात्रा की योजना विभिन्न महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की यात्रा करने की है, जिसमें गोल्डन टेम्पल, महाकाल मंदिर, ओंकारेश्वर मंदिर और आदि योगी बाबा शामिल हैं। कपिल का उद्देश्य रामेश्वरम तक पहुंचकर अपनी यात्रा को पूर्ण करना है।
यात्रा की विशेषताएँ
- धार्मिक दर्शन: कपिल ने अपनी यात्रा के दौरान प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन किए हैं, जिसमें महाकालेश्वर मंदिर में उनका परिवार भी शामिल हुआ और उनका हौसला बढ़ाया।
- पर्यावरण संरक्षण: कपिल अपनी यात्रा के दौरान रोजाना पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने का संदेश देते हैं। उनका यह प्रयास पर्यावरणीय जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- सहायता और समर्थन: कपिल की यात्रा के दौरान उनके साथ एक गाड़ी चल रही है, जो उन्हें खाने-पीने और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करती है। इसके अलावा, उन्हें कई लोगों द्वारा बीच में मदद भी मिली है और कई बार उन्होंने मंदिरों में रात भी बिताई है।
व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन
कपिल सिंह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो दिल्ली की एक प्रमुख मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। उनके इस अद्वितीय प्रयास को देखते हुए कंपनी ने उन्हें चार महीने की छुट्टी दी है, जिससे वह अपनी यात्रा को पूरा कर सकें। कपिल के परिवार ने भी इस यात्रा में उनका समर्थन किया है, जो उनकी समर्पण और साहस को दर्शाता है।
कपिल ने अगले दो महीनों में लगभग 1500 किलोमीटर की और यात्रा करने की योजना बनाई है। उनका उद्देश्य न केवल धार्मिक स्थलों का दर्शन करना है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना भी है।
कपिल सिंह की यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत दृढ़ता और समर्पण का उदाहरण है बल्कि यह प्रेरणा भी देती है कि किस प्रकार एक व्यक्ति अपने उद्देश्य और समाज के प्रति जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए अत्यधिक परिश्रम और समर्पण के साथ काम कर सकता है। उनकी यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी है जो न केवल धार्मिक बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।