भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण भारत में विस्तार की योजनाओं को लेकर नई पहल की है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व को यह अच्छी तरह से समझ में आ गया है कि दक्षिण भारत में भाजपा की स्थिति अभी भी कमजोर है। इसी दिशा में पार्टी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भाजपा ने जार्ज कुरियन को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा है और उन्हें केंद्र में मंत्री भी बनाया है। यह कदम स्पष्ट रूप से भाजपा की दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। जार्ज कुरियन की नियुक्ति का यह कदम केवल एक पार्टी रणनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह मध्य प्रदेश से दक्षिण भारत तक एक मजबूत संदेश भेजने का प्रयास है। भाजपा ने इस निर्णय के जरिए यह दिखाया है कि वह हिंदी भाषी राज्यों से लेकर दक्षिण भारत तक अपने प्रभाव का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। जार्ज कुरियन की पहचान और उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए, उनकी उपस्थिति केरल में भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण बल साबित हो सकती है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को यह समझ में आ गया है कि दक्षिण भारत में पार्टी की स्थिति अभी भी कमजोर है। इसलिए, पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए, एक ओर जहां सदस्यता महाअभियान का आगाज किया है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के प्रभावशाली नेताओं को दक्षिण भारत में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया है। भाजपा की यह योजना 2024 के चुनावों तक सीमित नहीं है… बल्कि, पार्टी ने 2029 की तैयारी भी शुरू कर दी है। जार्ज कुरियन की केरला में भूमिका, पार्टी के इस व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है। इसका उद्देश्य यह है कि भविष्य में पार्टी को सहयोगियों के सामने हाथ न फैलाना पड़े और पार्टी अपनी जड़ों को मजबूत कर सके। जार्ज कुरियन की नियुक्ति और सदस्यता महाअभियान, इन सभी प्रयासों का हिस्सा हैं, जो दक्षिण भारत में भाजपा की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे हैं।
बीजेपी ने इस दिशा में सक्रिय प्रयास करते हुए सदस्यता महाअभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत, पार्टी देश के दिल मध्य प्रदेश से लेकर दक्षिण भारत तक अपने प्रभाव का विस्तार करने की योजना बना रही है। पार्टी का मानना है कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने के कारण उसे 240 सीटों तक सीमित होना पड़ा। इन परिणामों से भाजपा चिंतित है कि अगर भविष्य में मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही हुआ, तो स्थिति और अधिक कठिन हो सकती है। इसका उद्देश्य यह है कि भविष्य में पार्टी को सहयोगियों के सामने हाथ न फैलाना पड़े और पार्टी अपनी जड़ों को मजबूत कर सके। जार्ज कुरियन की नियुक्ति और सदस्यता महाअभियान, इन सभी प्रयासों का हिस्सा हैं, जो दक्षिण भारत में भाजपा की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे हैं।