नागपुर: नागपुर में पारडी पुलिस स्टेशन के पास मंगलवार दोपहर एक ऑटो चालक ने दो छात्राओं को धमकी दी कि वह उनके साथ वही करेगा जो कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुआ था। इस घिनौनी टिप्पणी पर छात्राओं ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और ऑटो चालक पर हमला कर दिया। राहगीरों ने भी इस विवाद में हस्तक्षेप किया और चालक की पिटाई कर दी। घटना के बाद चालक ने माफी मांगी और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
घटना के अनुसार, दोनों छात्राएं एक ऑटो में यात्रा कर रही थीं और ऊँची आवाज में बात कर रही थीं। ऑटो चालक ने उन्हें आवाज धीमी करने के लिए कहा, जिसके बाद नोकझोंक शुरू हो गई। विवाद बढ़ने पर चालक ने छात्राओं को धमकी देते हुए कहा, “मैं तुम्हारे साथ वही करूंगा जो कोलकाता में लड़की के साथ हुआ।” छात्राओं ने तुरंत ऑटो रोकने की मांग की, और जब चालक ने ऐसा किया, तो उन्होंने उसे बाहर खींचकर मारपीट की। राहगीरों ने भी इस घटना में हस्तक्षेप किया और चालक को पीटा।
ड्राइवर ने छात्राओं से माफी मांगी और मामला शांत हुआ। इस घटना पर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। लोग कानून प्रवर्तन में सुधार और अपराधियों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम वास्तव में बदलाव के लिए तैयार हैं? भारतीय संविधान और न्याय संहिता बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे अपराधों के खिलाफ सख्त प्रावधान करती है, लेकिन इन अपराधों को रोकने के लिए समाज में मौलिक अधिकारों के बजाय मौलिक कर्तव्यों को समझना और लागू करना जरूरी है। एक बेहतर समाज ही एक सुरक्षित और उज्जवल भविष्य का निर्माण करेगा।
9 अगस्त को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक बेहद संवेदनशील और दुखद घटना घटित हुई, जिसमें एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की गई। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया, जिसके परिणामस्वरूप डॉक्टरों ने 11 दिनों तक हड़ताल की।