मध्य प्रदेश में सोमवार को भी बारिश का जोरदार दौर जारी रहेगा। मालवा-निमाड़ क्षेत्र, जिसमें इंदौर और उज्जैन संभाग शामिल हैं, में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इंदिरा सागर परियोजना के 12 गेट खोले गए हैं, जबकि भोपाल में भदभदा डैम का एक और कलियासोत डैम के 2 गेट खोले गए हैं। रविवार को भदभदा डैम के 3 और कलियासोत डैम के 6 गेट भी खोले गए थे।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में अलीराजपुर, झाबुआ, और धार जिलों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है, जहां 8 इंच तक बारिश हो सकती है। बड़वानी, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, मंदसौर, भिंड, मुरैना, सिंगरौली, मऊगंज, सीधी, पन्ना, और छतरपुर जिलों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का मौसम बना रह सकता है।
रविवार को भी प्रदेशभर में तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिसमें 21 जिलों में बारिश हुई। भोपाल में तो सड़कों पर बोट चलाने जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जबकि कई डैम और तालाब ओवरफ्लो हो गए। नदियाँ भी उफान पर रहीं, और कई जगहों पर लोग पानी में फंस गए।
भोपाल के केरवा डैम के पास रविवार को पिकनिक मनाने गए कुछ युवकों की कार पानी में फंस गई, हालांकि, कार में बैठे चारों युवक सुरक्षित बाहर निकल आए।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि रीवा संभाग के आसपास लो प्रेशर एरिया अति निम्न दाब के रूप में सक्रिय है। साथ ही, मानसून ट्रफ और पश्चिमी विक्षोभ भी प्रभावी हैं, जिसके कारण प्रदेशभर में तेज बारिश हो रही है।
26 अगस्त को भी प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। इसके बाद, यह सिस्टम आगे बढ़ेगा, लेकिन 30 अगस्त से एक और सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जिसका प्रभाव प्रदेश में दिखाई देगा।
रविवार को भोपाल के खेजड़ा बरामद क्षेत्र में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके कारण जिला प्रशासन को बोट का उपयोग करना पड़ा। इस इलाके में 50 से अधिक परिवार घरों में फंस गए थे। रतलाम में तेज बारिश के कारण मंगल मऊड़ी-लिमखेड़ा स्टेशन के बीच ट्रैक के नीचे की गिट्टी और मिट्टी बह गई, जिससे 10 पैसेंजर ट्रेनों समेत 15 ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर रोकनी पड़ीं। राजगढ़ में बाइक समेत दो लोग बहाव में फंस गए, हालांकि उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया।