कोलकाता: कोलकाता में 8-9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर से हुए रेप और मर्डर के विरोध में छात्र और मजदूर संगठनों ने मंगलवार को बड़े पैमाने पर रैली निकाली। पश्चिम बंग छात्र समाज और संग्रामी जौथा मंच ने इस घटना के खिलाफ नबन्ना अभिजान मार्च आयोजित किया, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की।
नबन्ना, पश्चिम बंगाल सरकार का सचिवालय है, जहां मुख्यमंत्री और अन्य सरकारी अधिकारी बैठते हैं। प्रदर्शनकारियों की रैली दोपहर करीब 12:45 बजे शुरू हुई और संतरागाछी में उन्होंने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस पुलिस कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
रैली को गैरकानूनी बताते हुए पुलिस ने इसे रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। नबन्ना जाने वाले 7 मार्गों पर तीन स्तर की सुरक्षा में 6,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अलावा, 19 जगहों पर बैरिकेडिंग और 21 जगहों पर डीसीपी तैनात किए गए थे। हावड़ा ब्रिज को भी बंद कर दिया गया था और निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा था।
राज्य सचिवालय नबन्ना के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके तहत पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है। सड़कों पर भारी कंटेनर भी रखे गए थे ताकि प्रदर्शनकारी आगे न बढ़ सकें।
नबन्ना अभियान क्या है?
नबन्ना अभियान पश्चिम बंगाल के सचिवालय तक पहुंचने के लिए किया जाने वाला एक प्रदर्शन है। 2011 से पहले बंगाल का सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग में हुआ करता था, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2011 में हावड़ा में हुगली नदी के किनारे स्थित एक इमारत को सचिवालय का रूप दिया, जिसे नबन्ना कहा जाता है। यहां “नब” का मतलब “नया” होता है।