रतलाम। एमटीएफई (मेटावर्स फॉरेन एक्सचेंज ग्रुप इंक) क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में रतलाम पुलिस ने नागालैंड से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस आरोपी, जो केवल 12वीं पास है, के बैंक खाते में 5 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था, लेकिन पुलिस की जांच के बाद उसके खाते में केवल 5 लाख रुपये ही मिले, जिसे फ्रीज कर दिया गया है।
पुलिस की पहले की कार्रवाई में जापान और सिंगापुर में स्थित कंपनियों से 44 लाख रुपये सीज कर भारत वापस लाया गया था। इस मामले में पकड़े गए आरोपी किबोतो आई और उसके साथियों ने 266 लोगों से 1.43 करोड़ रुपये की ठगी की है। यह इस केस में 10वीं गिरफ्तारी है, और हर नई गिरफ्तारी के साथ इस गिरोह का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब तक की जांच में मणिपुर के दो भाइयों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी अभी बाकी है।
यह गिरोह न केवल भारत में, बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य पड़ोसी देशों में भी क्रिप्टो करेंसी के नाम पर लोगों से ठगी कर चुका है।
जब रतलाम पुलिस ने नागालैंड में आरोपी किबोतो आई को गिरफ्तार करने की कोशिश की, तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। पुलिस थाने को घेर लिया गया, लेकिन रतलाम के एसपी राहुल कुमार लोढ़ा की स्थानीय पुलिस कमिश्नर से बातचीत के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर रतलाम लाया जा सका।
24 अगस्त 2023 को जावरा के सलीम खान ने इंडस्ट्रियल एरिया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें मोहम्मद फैज उर्फ निक्कू, आजम खान, हुजेफा जम्माली बोहरा, आलोक पाल, वाजिद और वसीम पर 20 लाख 76 हजार रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया था। इसके बाद रतलाम में भी एक मामला सामने आया, जिसमें अशरफ अली ने स्टेशन रोड थाने में गोविंद सिंह और संदीप टांक के खिलाफ 26 लाख 51 हजार 20 रुपये की ठगी की शिकायत की थी।
जांच के दौरान पता चला कि दोनों मामलों में एमटीएफई ऐप के जरिए लोगों से पैसा निवेश कराया गया था, जिसमें 30 प्रतिशत मासिक रिटर्न देने का वादा किया गया था। लेकिन, यह एक पोंजी स्कीम निकली, जिसमें जालसाजों ने 1.43 करोड़ रुपये की ठगी की और फिर कंपनी बंद कर दी।
रतलाम पुलिस की साइबर सेल की जांच में पता चला कि एमटीएफई ने सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नाइजीरिया में भी धोखाधड़ी की है। इस धोखाधड़ी में TRC-20 वॉलेट के जरिए बड़े पैमाने पर लेन-देन हुआ, जिसमें 56 काउंटर पार्टी एक्सचेंज का उपयोग किया गया।