नई रेल लाइन मध्यप्रदेश के धार, खरगोन, बड़वानी और निमाड़ जिलों तथा महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों से होकर गुजरेगी। यह रूट आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे के समानांतर कुछ दूरी पर घुमाकर निकाला जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर कुल 18,036 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है और केंद्र सरकार ने इसे 2029 तक पूरा करने की डेडलाइन तय की है। प्रोजेक्ट पूरा होने पर 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई की संभावना है। इसके तहत 30 नए स्टेशन भी बनाए जाएंगे।
नई रेल लाइन के मुख्य लाभ:
- धार्मिक पर्यटन में वृद्धि: महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आने वाले महाराष्ट्र, दक्षिण और निमाड़ के लोगों के लिए सीधी ट्रेन कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।
- कृषि उत्पादों का सीधा परिवहन: नासिक के प्याज और अंगूर जैसे उत्पाद सीधे इंदौर आ सकेंगे, वहीं निमाड़ की मक्का और ज्वार का ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा।
- संयोजन में कमी: इंदौर या उज्जैन से मुंबई जाने के लिए लगभग 200 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी, जिससे यात्रा समय में भी बचत होगी।
- जनसंख्या का सीधा लाभ: धार, खरगोन, बड़वानी, नासिक और धुले की 30 लाख आबादी पहली बार ट्रेन से सीधी जुड़ जाएगी, जिससे उनके लिए यात्रा सुगम होगी।
- औद्योगिक क्षेत्र में सहूलियत: पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया के सीधे मुंबई से जुड़ने से यहां की बड़ी कंपनियों को रोड ट्रांसपोर्टेशन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे लागत में कमी और समय की बचत होगी।
इंदौर से महाराष्ट्र की सीधी कनेक्टिविटी
इस नई रेल लाइन से इंदौर से सीधे महाराष्ट्र की तरफ जाने की सुविधा मिलेगी, जो पहले संभव नहीं था। वर्तमान में इंदौर से मुंबई के लिए सीधा कोई रूट नहीं है, जिससे यात्रियों को खंडवा या भोपाल होते हुए जाना पड़ता था। पुरानी रेल लाइनों जैसे सनावद और ओंकारेश्वर की नवीनीकरण के कारण ये लाइनें बंद हो चुकी हैं। अब केवल पातालपानी टूरिस्ट ट्रेन ही चल पा रही है।
धार और बड़वानी में रेल परियोजनाओं का विस्तार
धार जिले में यह तीसरी रेल परियोजना होगी, जबकि बड़वानी में पहली बार रेल लाइन डाली जाएगी। मनमाड की नई लाइन धार जिले से होकर गुजरने पर यह क्षेत्र अब बेहतर यातायात सुविधा प्राप्त करेगा। इन जिलों में अब केवल बस या निजी वाहनों के माध्यम से ही दूसरे शहरों का संपर्क संभव था, जो अब रेल परिवहन के माध्यम से और भी सुलभ हो जाएगा।
इस परियोजना की घोषणा पर स्थानीय लोगों में अत्यधिक खुशी और उत्साह है। किसानों और व्यापारियों ने इस नए रेल लाइन से अपने उत्पादों के परिवहन में आने वाली आसानी की सराहना की है। साथ ही, औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत कंपनियों ने भी इस परियोजना को अपने व्यवसाय के विकास के लिए लाभकारी बताया है।
इंदौर-मनमाड के बीच नई रेल लाइन मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने के साथ ही क्षेत्रीय विकास को भी गति प्रदान करेगी। 2029 तक इस परियोजना के पूरा होने से न केवल यातायात में सुधार होगा बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।