मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य के जिला, संभाग, तहसील, और ब्लॉक जैसी प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं का पुनर्गठन करने जा रही है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य भौगोलिक और प्रशासनिक सुविधाओं को सुधारना है, जिससे आम जनता को सरकारी सेवाओं तक अधिक सुलभ और सुविधाजनक पहुंच मिल सके।
1. पुनर्गठन का उद्देश्य:
– पुराने प्रशासनिक सीमाओं में मौजूद खामियों को दूर करना।
– सुनिश्चित करना कि लोग अपने जिला, तहसील, या ब्लॉक मुख्यालयों तक बिना किसी लंबी दूरी तय किए पहुंच सकें।
2. समस्याएं:
– कई क्षेत्रों में, लोग अपने जिला या तहसील मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 100 से 150 किलोमीटर का चक्कर लगाते हैं, जबकि निकटतम प्रशासनिक इकाई भौगोलिक दृष्टि से अधिक नजदीक होती है।
– उदाहरण के लिए, बुदनी तहसील का मुख्यालय सीहोर है, लेकिन भौगोलिक रूप से यह नर्मदापुरम जिले से सटा हुआ है। ऐसे ही, सांची का जिला मुख्यालय रायसेन है, जबकि विदिशा भौगोलिक रूप से नजदीक है।
3. प्रस्तावित कार्य योजना:
– अक्टूबर 2024 के अंत तक इस पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू होगी।
– इसके लिए एक प्रशासनिक पुनर्गठन इकाई आयोग का गठन किया गया है, जिसमें राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
4. प्रभावित क्षेत्र:
– बीना और जुन्नारदेव जैसे क्षेत्रों में नए जिले बनाने की मांग उठ रही है।
– बीना को जिला बनाने का प्रस्ताव फिलहाल अटक गया है, क्योंकि सरकार अब इन प्रस्तावों का परीक्षण और सीमाओं का पुनर्गठन कराने के बाद ही निर्णय लेगी।
5. राजनीतिक और प्रशासनिक भूमिका:
– पुनर्गठन आयोग में राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र के लोग होंगे। इसमें कौन अधिकारी और नेता शामिल होंगे, यह अभी तय होना बाकी है।
इस पुनर्गठन से उम्मीद है कि राज्य में प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण होगा, जिससे आम जनता को अधिक सुविधाजनक और सुलभ सरकारी सेवाएं मिल सकेंगी।
यह कदम न केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में है, बल्कि जनता के लिए एक बड़ी राहत भी हो सकता है, जो वर्तमान व्यवस्था में आने वाली कठिनाइयों से जूझ रही है।