इंदौर: इंदौर में रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह और कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के बीच बुधवार को एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। एक अहम फैसला यह है कि अब कॉलोनाइजर को सरकारी जमीन पर सशर्त सड़क निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
बैठक में अपर कलेक्टर गौरव बैनल, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन और क्रेडाई के प्रमुख सदस्य संदीप श्रीवास्तव, अतुल झंवर, अरुण जैन, सुमित मंत्री और अखिलेश कोठारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान कॉलोनी सेल के सिस्टम में सुधार और जमीन कारोबारियों की समस्याओं के समाधान पर विशेष ध्यान दिया गया। कॉलोनी सेल के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी जमीन पर बाहरी विकास के लिए सशर्त सड़क निर्माण की सहमति बनी। सरकारी जमीन का मद परिवर्तन कॉलोनी सेल द्वारा किया जाएगा। कुछ गांवों में चरनोई जमीन की कमी के मुद्दे पर बाद में निर्णय लिया जाएगा।
विकास अनुमति या पूर्णता की अनुमति के मामलों में अब छोटी-मोटी कमियों के कारण दोबारा प्रेजेंटेशन देने की आवश्यकता नहीं होगी।
लॉटरी प्रक्रिया समाप्त होगी: निम्न और कमजोर आय वर्ग के प्लॉटों का आवंटन अब कॉलोनाइज़र द्वारा सीधे किया जाएगा और लॉटरी की प्रक्रिया बंद की जाएगी। विकास अनुमतियों में आरडब्ल्यूए के गठन की अनिवार्यता का प्रावधान जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, कॉलोनी की पूर्णता के समय कॉलोनी संधारण के लिए आरडब्ल्यूए को पंजीकृत करने के आदेश जारी किए जाएंगे।
आश्रय निधि की वापसी: जिन कॉलोनाइजरों ने आश्रय निधि जमा की है, उन्हें अब वह राशि वापस दी जाएगी। पंचायत क्षेत्रों में भवन निर्माण की मंजूरी और पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए जिला पंचायत सीईओ और अन्य सक्षम प्राधिकारी दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
इसके साथ ही, मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 और ग्राम पंचायत (भवनों के परिनिर्माण तथा विस्तार पर नियंत्रण) उपविधियां 1999 में संशोधन के लिए सभी संबंधित स्टेक होल्डर्स और अधिकारियों की बैठक आयोजित की जाएगी।