भोपाल: मध्यप्रदेश कैबिनेट की मीटिंग में लंबे समय से चली आ रही एक परंपरा में अब बदलाव नजर आ रहा है। पहले, कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री (सीएम) की दाहिनी ओर मुख्य सचिव (सीएस) की कुर्सी हुआ करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हालिया कैबिनेट मीटिंग की तस्वीरों से साफ है कि सीएस की कुर्सी अब सीएम के पास नहीं, बल्कि मंत्रियों के बीच में लगाई जा रही है।
सीएम यादव की कैबिनेट मीटिंग में बदला नजारा
3 सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक की तस्वीरें देखें तो मुख्यमंत्री मोहन यादव की कुर्सी के पास मुख्य सचिव वीणा राणा की कुर्सी नहीं दिख रही। अब उनकी कुर्सी मंत्रियों की कतार में दिखाई दे रही है, जो कि पहले की परंपरा से अलग है।
पूर्व सीएम शिवराज और कमलनाथ के समय रही पुरानी परंपरा
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में मुख्य सचिव की कुर्सी हमेशा सीएम की दाहिनी ओर लगाई जाती थी। उस दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की कुर्सी सीएम के बिल्कुल पास होती थी। इसी तरह, कमलनाथ के समय में भी यह परंपरा जारी रही, जब तत्कालीन मुख्य सचिव आरएस मोहंती कैबिनेट मीटिंग में सीएम के बगल में बैठते थे।
मुख्य सचिव का काम और उनकी भूमिका
मुख्य सचिव राज्य के सबसे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, जिनकी सीधी रिपोर्टिंग मुख्यमंत्री को होती है। कैबिनेट मीटिंग के दौरान, सीएस की कुर्सी सीएम के पास इसलिए लगाई जाती थी ताकि महत्वपूर्ण निर्णय लेने के दौरान सीएम को तुरंत जानकारी और परामर्श मिल सके।
अब, इस परंपरा में बदलाव के साथ कैबिनेट बैठकों का दृश्य भी बदल गया है, जो राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है।