इंदौर: इंदौर के बहुचर्चित बल्लाकांड मामले में आज विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए बीजेपी नेता और पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित सभी 11 आरोपियों को बरी कर दिया। यह मामला 26 जून 2019 का है, जब इंदौर में एक जर्जर मकान पर नगर निगम की कार्रवाई के दौरान आकाश विजयवर्गीय ने बल्ले से निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस पर हमला किया था। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद विजयवर्गीय को जेल जाना पड़ा था और उन पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
निगम अधिकारी ने बयान बदला
मामले में मुख्य फरियादी धीरेंद्र बायस ने कोर्ट में अपने बयान से पलटते हुए कहा कि आकाश विजयवर्गीय ने उन पर हमला नहीं किया था। फरियादी के इस बयान के बाद केस की दिशा बदल गई। न्यायाधीश देव कुमार ने साक्ष्यों की कमी और बायस के बदले हुए बयान के आधार पर सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
घटना के समय इंदौर नगर निगम की टीम गंजी कंपाउंड इलाके में एक जर्जर मकान को तोड़ने की कार्रवाई कर रही थी। आकाश विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे और कार्रवाई रोकने की मांग की। जब निगम अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी, तो विजयवर्गीय ने बल्ले से हमला कर दिया। इस घटना ने देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं।
5 साल बाद कोर्ट का फैसला
यह मामला पांच साल तक कोर्ट में लंबित रहा। साक्ष्यों के अभाव और फरियादी के बयान पलटने के कारण कोर्ट ने अंततः आकाश विजयवर्गीय और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। विजयवर्गीय परिवार के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत मानी जा रही है। इस फैसले के बाद यह मामला इंदौर की राजनीति और कानूनी गलियारों में चर्चा का विषय बना रहेगा।