छतरपुर: छतरपुर जिले के नौगांव क्षेत्र के भदेसर गांव में एक भावुक घटना घटित हुई, जो यह साबित करती है कि सच्चे प्रेम की ताकत कितनी गहरी हो सकती है। सोमवार को 85 वर्षीय ततूरा राजपूत की मृत्यु के लगभग 30 मिनट बाद उनकी 80 वर्षीय पत्नी जमनी बाई ने भी अपने प्राण त्याग दिए। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार ने दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया।
ततूरा राजपूत और उनकी पत्नी जमनी बाई लंबे समय से साथ रह रहे थे। जब सोमवार दोपहर करीब 2 बजे ततूरा राजपूत ने अपनी अंतिम सांस ली, तो उनकी दिव्यांग पत्नी ने लकड़ी के सहारे उन्हें जगाने का प्रयास किया, लेकिन पति की मृत्यु का आभास होते ही वह बेहोश होकर जलती गुरसी (अग्निकुंड) पर गिर पड़ीं। हालांकि, नाती चंचल ने उन्हें तुरंत उठाया, लेकिन तब तक जमनी बाई भी इस संसार से विदा हो चुकी थीं।
परिवार ने बताया कि दोनों ने हमेशा साथ रहने की कसम खाई थी, और अब उनकी मृत्यु भी एक साथ हुई। परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया, जो उनके अनमोल रिश्ते की मिसाल बन गया।
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