मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी को बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब नदी की सैटेलाइट और ड्रोन से निगरानी की जाएगी ताकि अवैध खनन और सीवेज की निगरानी सख्ती से की जा सके। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि नर्मदा में किसी भी शहर का सीवेज मिलने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। नदी के किनारों पर प्राकृतिक खेती अनिवार्य की जाएगी और अमरकंटक के पास सैटेलाइट सिटी भी विकसित होगी।
मुख्य बिंदु:
सैटेलाइट से निगरानी: नदी के बहाव क्षेत्र और कैचमेंट एरिया की सैटेलाइट और ड्रोन से निगरानी होगी, जिससे अवैध उत्खनन और प्रदूषण पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी।
सीवेज मिलाने पर कार्रवाई:किसी भी शहर का सीवेज नदी में मिलने पर जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्राकृतिक खेती: नर्मदा के दोनों किनारों से 5 किलोमीटर तक के दायरे में प्राकृतिक खेती अनिवार्य होगी।
धार्मिक और सांस्कृतिक विकास: नर्मदा तट पर धार्मिक स्थलों के पास मांस-मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगेगा और क्षेत्र को धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा।
नवंबर में समीक्षा: मुख्यमंत्री ने नवंबर में फिर से समीक्षा बैठक का निर्देश दिया है। सरकार के इन फैसलों से नर्मदा नदी का संरक्षण और प्रदूषणमुक्त रखने के प्रयासों में तेज़ी आएगी।