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गहलोत हो सकते हैं दिल्ली के नए सीएम, राजस्थान को भी साधना चाहते हैं केजरीवाल

दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा देने का ऐलान 10 साल बाद एक बड़ा सवाल खड़ा कर गया है—दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? यह स्थिति दिल्ली शराब नीति घोटाले में केजरीवाल की गिरफ्तारी और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद बनी है। उन्हें 21 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था, और 177 दिनों बाद 13 सितंबर को उन्हें जमानत मिली। 15 सितंबर को पार्टी मुख्यालय पहुंचकर उन्होंने घोषणा की कि दो दिन बाद वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी जल्द ही नया मुख्यमंत्री चुनेगी।

केजरीवाल के इस्तीफे से जुड़े सवाल

केजरीवाल के इस्तीफे ने दो बड़े सवाल खड़े किए हैं।

1. इस्तीफा मास्टर स्ट्रोक या मजबूरी?
पहले कहा गया था कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे। वह जेल से ही पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए निर्देश भेज रहे थे। लेकिन उनके इस्तीफे के ऐलान से यह सवाल खड़ा हुआ कि यह कोई रणनीतिक कदम है या मजबूरी।

2. केजरीवाल के बाद मुख्यमंत्री कौन?
केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया कि चुनाव तक मनीष सिसोदिया कोई पद नहीं लेंगे, जिससे नए डिप्टी सीएम की भी जरूरत हो सकती है। अब सवाल यह है कि उनके बाद कौन दिल्ली का मुख्यमंत्री बनेगा।

कैलाश गहलोत CM की दौड़ में सबसे आगे

नए मुख्यमंत्री की रेस में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। इसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं:

1. हरियाणा के जाट वोटर
कैलाश गहलोत, नजफगढ़ से विधायक, जाट समुदाय से आते हैं। हरियाणा में जाटों की नाराजगी और किसान आंदोलन के बाद, गहलोत हरियाणा में आम आदमी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

2. फंड जुटाने में कुशलता*
गहलोत पार्टी के लिए फंड इकट्ठा करने में माहिर माने जाते हैं, जो मौजूदा राजनीतिक हालात में बेहद जरूरी है। दिल्ली में आगामी चुनावों को देखते हुए फंडिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए गहलोत एक प्रभावी विकल्प हो सकते हैं।

3. LG से अच्छे संबंध:
गहलोत के दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ अच्छे रिश्ते हैं, जिसका सबूत स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के समय देखने को मिला, जब LG ने उनकी जगह आतिशी को चुने जाने के फैसले को बदलकर गहलोत को जिम्मेदारी दी।

सुनीता केजरीवाल भी संभावित उम्मीदवार

मुख्यमंत्री पद के लिए दूसरा नाम सुनीता केजरीवाल का है, जो अरविंद केजरीवाल की पत्नी हैं। 2021 में पार्टी द्वारा संविधान में संशोधन के बाद, यह स्पष्ट किया गया कि एक परिवार के एक से अधिक सदस्य पार्टी में पदाधिकारी हो सकते हैं। इससे सुनीता केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने का रास्ता खुला।

सुनीता को CM बनाने के दो बड़े फायदे हो सकते हैं:

1.केजरीवाल को CM आवास नहीं छोड़ना पड़ेगा।
2. चुनाव के बाद CM पद वापस खाली हो सकता है, जैसा कि कुछ मामलों में देखा गया है।

अन्य संभावित उम्मीदवार

केजरीवाल के बाद CM पद के लिए और भी नाम चर्चा में हैं, जैसे आतिशी और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज। इसके अलावा, कोंडली के विधायक कुलदीप कुमार का नाम भी सामने आया है। कुलदीप कुमार दलित समुदाय से आते हैं और युवा और तेजतर्रार नेता माने जाते हैं।

मनीष सिसोदिया की जगह नया डिप्टी CM?

कयास लगाए जा रहे हैं कि मनीष सिसोदिया की अनुपस्थिति में कुलदीप कुमार को डिप्टी CM बनाया जा सकता है। दिल्ली में 12 आरक्षित सीटें हैं, इसलिए पार्टी दलित नेता को बढ़ावा देकर आगामी चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है।

पार्टी में संकट और केजरीवाल का इस्तीफा

आम आदमी पार्टी ने दिसंबर 2023 में ‘मैं भी केजरीवाल’ नाम से एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसमें जनता से पूछा गया था कि अगर केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाता है तो क्या उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या जेल से सरकार चलानी चाहिए।

हालांकि केजरीवाल इस्तीफा देने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन उनकी सेहत और पार्टी की राजनीतिक स्थिति के चलते अंततः उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके साथ ही, लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वोटर्स पर केजरीवाल की गिरफ्तारी का असर नहीं हुआ।

अब देखना यह है कि नया मुख्यमंत्री कौन होगा और क्या वह पार्टी को चुनावों में जीत दिलाने में सफल होगा।

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