मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की तरह एक और महत्वपूर्ण योजना चल रही है, जिसका नाम है आहार अनुदान योजना। इस योजना के तहत विशेष अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को पौष्टिक भोजन के लिए हर महीने 1500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह योजना विशेष रूप से जनजातीय महिलाओं के पोषण स्तर को सुधारने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
आहार अनुदान योजना: क्या है और किन्हें मिलता है लाभ?
मध्य प्रदेश सरकार ने इस योजना की शुरुआत 23 दिसंबर 2017 को की थी, और इसका संचालन जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य की विशेष अनुसूचित जनजातियों, जैसे बैगा, भारिया, और सहरिया जनजाति की महिलाओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है।
मध्य प्रदेश में कुपोषण एक बड़ी समस्या रही है, खासकर जनजातीय आबादी में। इस समस्या से निपटने के लिए आहार अनुदान योजना के तहत हर महीने 1500 रुपए की राशि महिलाओं के बैंक खाते में जमा की जाती है, ताकि वे अपने और अपने परिवार के लिए पौष्टिक भोजन प्राप्त कर सकें।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकती हैं:
- ऑनलाइन आवेदन:
इच्छुक महिलाएं जनजातीय कार्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://www.tribal.mp.gov.in/CMS पर जाकर आवेदन कर सकती हैं। - ऑफलाइन आवेदन:
ऑफलाइन आवेदन के लिए संबंधित विभागीय जिला अधिकारी, जनजातीय कार्य विभाग, या गांव के पटवारी और सरपंच से मदद ले सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- पहचान पत्र (आधार कार्ड)
- जनजाति प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- निवास प्रमाण पत्र
पात्रता शर्तें
इस योजना का लाभ केवल विशिष्ट अनुसूचित जनजाति की महिलाएं ही ले सकती हैं। यह योजना मुख्य रूप से बैगा, भारिया, और सहरिया जनजातियों के लिए लागू है, जो मध्य प्रदेश की सबसे अधिक जनसंख्या वाली जनजातियां हैं।
इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की जनजातीय महिलाओं को पौष्टिक आहार मिल सके, जिससे कुपोषण की समस्या से निपटा जा सके और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हो सके।