मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को 25 सितंबर 2024 को अपना नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल मंगू भाई पटेल की उपस्थिति में शपथ ली। जस्टिस कैत को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने 17 सितंबर को इस पद के लिए अनुशंसित किया था। उनका कार्यकाल छह महीने का होगा।
मुख्य न्यायाधीश का पद था खाली
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद 24 मई 2024 से खाली था, जब जस्टिस रवि मलिमठ सेवानिवृत्त हुए थे। इस दौरान जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव सचदेवा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। कॉलेजियम ने पहले जस्टिस जी.एस. संधूवालिया का नाम इस पद के लिए प्रस्तावित किया था, लेकिन बाद में इसे संशोधित कर जस्टिस सुरेश कुमार कैत को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज रहे जस्टिस कैत
जस्टिस सुरेश कुमार कैत का कानूनी करियर दिल्ली हाईकोर्ट में काफी प्रभावशाली रहा है। वे जामिया हिंसा और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) विरोध जैसे महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर चुके हैं। उनके फैसलों में निष्पक्षता और संतुलन की सराहना की जाती है।
कानूनी सफर और उपलब्धियां
जस्टिस कैत का जन्म 24 मई 1963 को हरियाणा के कैथल जिले के काकौत गांव में हुआ था। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। 1989 में उन्होंने वकालत शुरू की और 2008 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया। 2013 में वे स्थायी जज बने। अपने करियर में उन्होंने भारतीय रेलवे और यूपीएससी के पैनल वकील के रूप में भी सेवाएं दी हैं।
जस्टिस कैत की नई भूमिका से उम्मीदें
जस्टिस कैत की नियुक्ति से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने की उम्मीद है। उनकी प्राथमिकता हमेशा न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और कुशलता लाने की रही है, जिससे आम नागरिकों को समय पर और निष्पक्ष न्याय मिल सके। उनके अनुभव और कानूनी विशेषज्ञता से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायिक सुधारों को और मजबूती मिलने की संभावना है।
शपथ ग्रहण समारोह का महत्व
यह शपथ ग्रहण समारोह मध्य प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हुआ। जस्टिस कैत का न्यायिक अनुभव और दिल्ली हाईकोर्ट में उनके द्वारा दिए गए अहम फैसले उन्हें एक कुशल मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थापित करते हैं। उनके नेतृत्व में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायिक प्रक्रियाओं को और अधिक सुगम बनाने के प्रयास किए जाएंगे।