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Tuesday, November 12, 2024

बीजेपी पर धोखे और जबरदस्ती से सदस्य बनाने के लगे आरोप, कई जगहों से विवाद सामने आए

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भोपाल: मध्यप्रदेश में 1 सितंबर से शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। हालांकि, इस अभियान के दौरान सामने आए विवादों ने पार्टी संगठन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। बीजेपी पर आरोप लगे हैं कि उसने लोगों को जबरदस्ती या धोखे से सदस्य बनाया है। हालांकि, बीजेपी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

सदस्यता अभियान में विवाद और आरोप

इस अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को सदस्य बनाकर की थी। इसके बाद पूरे प्रदेश में अभियान तेज किया गया। लेकिन अभियान के दौरान कई जगहों से विवाद सामने आए। आरोप है कि बीजेपी ने सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने का लालच देकर या जबरदस्ती लोगों को सदस्य बनाया है।

गुना में आयोजित एक एड्स सेमिनार में छात्रों को बिना उनकी जानकारी के एक मिस्ड कॉल कराकर बीजेपी का सदस्य बनाने का आरोप है। छात्रों ने इसे धोखा बताया, जब उनके मोबाइल पर यह मैसेज आया कि वे बीजेपी के सदस्य बन गए हैं। इसी तरह, गुना-राघौगढ़ क्षेत्र में लोगों को 1 रुपये में मोबाइल कवर देने के बदले बीजेपी का सदस्य बनने की शर्त रखी गई थी।

महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी पर दबाव डालने का आरोप

पांढुर्णा में महिला एवं बाल विकास विभाग की एक सुपरवाइजर पर आरोप लगे कि वह ‘लाड़ली बहना’ योजना के तहत लाभान्वित महिलाओं पर बीजेपी का सदस्य बनने का दबाव डाल रही हैं। इस संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ, जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी।

एमपी कांग्रेस ने भोपाल में नगर निगम के दो कर्मचारियों के फोटो और आईडी सार्वजनिक करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें बीजेपी का सदस्य बनाया गया है। कांग्रेस का दावा है कि सरकारी कामकाज में लगे लोगों को पार्टी सदस्यता दिलवाने के लिए दबाव डाला गया।

छतरपुर में मारपीट का मामला

सबसे बड़ा विवाद छतरपुर के बमीठा में सामने आया, जहां यूपी निवासी मानवेंद्र सिंह यादव को जबरदस्ती बीजेपी का सदस्य बनाने की कोशिश की गई। जब उन्होंने विरोध किया, तो कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की और उनका मोबाइल छीन लिया। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया। बीजेपी ने सफाई देते हुए कहा कि मारपीट करने वाले लोग उनके कार्यकर्ता नहीं थे।

बीजेपी का पक्ष

बीजेपी ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सदस्यता अभियान स्वेच्छा से लोगों को जोड़ने के लिए चलाया जा रहा है और इसमें किसी प्रकार की जबरदस्ती या धोखे का सहारा नहीं लिया जा रहा है। पार्टी ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व संगठन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, और ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच की जाएगी।

मध्यप्रदेश में बीजेपी का सदस्यता अभियान विवादों में घिरा रहा है। कई लोगों ने पार्टी पर जबरदस्ती सदस्य बनाने के आरोप लगाए हैं, जबकि बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज किया है। इन विवादों ने आगामी चुनावों के मद्देनजर राज्य में राजनीतिक माहौल को और भी गर्मा दिया है। अब देखना होगा कि बीजेपी इन आरोपों से कैसे निपटती है और सदस्यता अभियान के जरिए कितने लोगों को अपने साथ जोड़ने में सफल होती है।

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