भोपाल: मध्य प्रदेश के तीन गांव – प्राणपुर, साबरवानी, और लाडपुरा खास – को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम’ का प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिला है। इन गांवों को राज्य पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किया गया था और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर यह सम्मान प्रदान किया गया। इस उपलब्धि ने न केवल मध्य प्रदेश को ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाई है, बल्कि इन गांवों को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर खास जगह दी है।
तीनों गांवों को मिला अलग-अलग श्रेणियों में अवॉर्ड
प्राणपुर को क्रॉफ्ट श्रेणी में जबकि साबरवानी और लाडपुरा खास को रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। ये गांव न सिर्फ अपने सुंदर परिदृश्यों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाने जाते हैं, बल्कि स्थानीय परंपराओं और कला को सहेजने का भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। एमपी टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने नई दिल्ली में ग्रामीण प्रतिनिधियों के साथ यह सम्मान प्राप्त किया।
900 गांवों में से चुने गए 36 सर्वश्रेष्ठ गांव
इस प्रतियोगिता में पूरे देश से कुल 900 गांवों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से 36 गांवों का चयन किया गया। मध्य प्रदेश के इन तीन गांवों का इस सूची में स्थान पाना राज्य के लिए गर्व का विषय है। प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने कहा, “यह अवॉर्ड हमारी ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
ग्रामीण पर्यटन से आर्थिक सशक्तिकरण का प्रयास
श्री शुक्ला ने आगे बताया कि इन गांवों में स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण किया गया है। इसके साथ ही पर्यटन के माध्यम से स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। इन गांवों को विश्वस्तरीय पहचान मिलने से न केवल देशी, बल्कि विदेशी पर्यटकों का भी यहां आगमन बढ़ेगा, जिससे रोजगार के अवसर और गांवों की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।
प्राणपुर की क्रॉफ्ट्स कला: हाथकरघा का प्रमुख केंद्र
अशोकनगर जिले के चंदेरी तहसील में स्थित प्राणपुर को देश के पहले क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज के रूप में विकसित किया गया है। यहां लगभग 243 परिवार हाथकरघा बुनाई का काम करते हैं और करीब 900 बुनकर चंदेरी वस्त्रों की बुनाई करते हैं। यह गांव विशेष रूप से अपनी पारंपरिक बुनाई कला के लिए मशहूर है, जो पर्यटकों के बीच एक खास आकर्षण का केंद्र है।
साबरवानी: गोंड जनजाति की संस्कृति का अद्भुत केंद्र
छिंदवाड़ा जिले के तामिया तहसील में स्थित साबरवानी गांव गोंड जनजातीय संस्कृति का समृद्ध प्रतिनिधित्व करता है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन से घिरा यह गांव अपने शांत वातावरण, विविध पक्षी प्रजातियों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटकों के लिए 9 होमस्टे बनाए गए हैं, जहां से वे गांव की विलेज वॉक, बैलगाड़ी की सवारी, मछली पकड़ने और स्टारगेजिंग जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
लाडपुरा खास: बुंदेली संस्कृति का अनूठा संगम
निवाड़ी जिले में स्थित लाडपुरा खास को मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के ‘रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन’ के तहत एक पर्यटन गांव के रूप में विकसित किया गया है। यह गांव बुंदेलखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का बेहतरीन प्रदर्शन करता है। ओरछा से महज 8 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव की खूबसूरत वादियां, कृषि क्षेत्र, और ग्रामीण जीवन पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यहां के होमस्टे, जो स्थानीय वास्तुकला और हाथ से बनी दीवार पेंटिंग्स से सजे हुए हैं, पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण हैं।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश के इन तीन गांवों को ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम’ का अवॉर्ड मिलना राज्य के पर्यटन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी आर्थिक रूप से मजबूत करेगा। देशी-विदेशी पर्यटकों के बढ़ते आगमन से इन गांवों की सांस्कृतिक धरोहर को भी वैश्विक पहचान मिलेगी, जो यहां की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी।