सीहोर, मध्य प्रदेश: तिरुपति मंदिर के लड्डुओं के बाद अब मध्य प्रदेश के सीहोर जिले स्थित सलकनपुर देवी धाम मंदिर में बिकने वाले लड्डुओं को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मंदिर ट्रस्ट ने लड्डुओं की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई है और परिसर में प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे लड्डुओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह से अपील की है।
लड्डू महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाए जाते हैं और इन्हें मंदिर का मोनो लगाकर बेचा जाता है। हालांकि, मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने बताया कि कई श्रद्धालुओं ने इन लड्डुओं से अजीब सी महक आने की शिकायत की है। ट्रस्ट ने पहले भी स्व-सहायता समूह को इन शिकायतों से अवगत कराया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
स्व-सहायता समूह का दावा है कि वे लड्डू पूरी शुद्धता और स्वच्छता के साथ बनाते हैं और उनके पास फूड एनालिस्ट से प्रमाणित सर्टिफिकेट भी है। समूह की अध्यक्ष रजनी मेहरा के अनुसार, उन्होंने 2021 में लड्डू बनाना शुरू किया था और तब से कभी किसी प्रकार की गुणवत्ता संबंधी समस्या सामने नहीं आई है। उनका कहना है कि इस काम से 30 महिलाओं का रोजगार जुड़ा हुआ है, जो अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं।
ट्रस्ट और स्व-सहायता समूह के बीच यह विवाद तब बढ़ा, जब नवरात्रि मेले की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक में मंदिर ट्रस्ट ने लड्डुओं की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की। ट्रस्ट का कहना है कि लड्डुओं की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है और इनकी निर्माण सामग्री पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसे जांचने के लिए कोई लैब प्रमाणन उपलब्ध नहीं है।
स्व-सहायता समूह ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि उनके प्रसाद को पिछले साल आईएसओ सर्टिफिकेट भी मिला था, और वे साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं। समूह का यह भी कहना है कि अगर वे गुणवत्ता से समझौता करेंगे तो कोई भी उनका प्रसाद नहीं खरीदेगा, और इससे जुड़ी महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी।
प्रसाद की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद यह विवाद मंदिर परिसर में बढ़ता जा रहा है, और अब प्रशासन को इस पर निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है।