विदिशा। मध्यप्रदेश के जिलों के नए परिसीमन को लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद विदिशा जिले के पुनर्गठन की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। सिरोंज और गंजबासौदा की बड़ी आबादी और जिला मुख्यालय से दूरी को देखते हुए इन दोनों तहसीलों को नए जिले के रूप में गठित करने की मांग उठ रही है।
सिरोंज को जिला बनाने की मांग
सिरोंज तहसील विदिशा जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर दूर है, जिससे वहां के लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए विदिशा आने में समय और संसाधनों की बर्बादी होती है। सिरोंज क्षेत्र की लगभग 60,000 आबादी के विकास को बढ़ावा देने के लिए इसे नया जिला बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। साथ ही, इसके आसपास की लटेरी तहसील और सबसे बड़ी ग्राम पंचायत आनंदपुर को भी इस नए जिले में शामिल करने की बात हो रही है। आनंदपुर को गुना जिले में शामिल करने का भी सुझाव दिया जा रहा है, क्योंकि गुना की दूरी आनंदपुर से सिरोंज के बराबर है।
गंजबासौदा को जिला बनाने की संभावना
विदिशा जिले की गंजबासौदा तहसील भी जिला बनने की मांग कर रही है। लगभग 90,000 की आबादी वाली यह तहसील विदिशा से 55 किलोमीटर दूर है। बड़ी आबादी और विकास के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी के कारण गंजबासौदा को जिला बनाए जाने की मांग की जा रही है। नए जिले में सागर और रायसेन के सीमावर्ती इलाकों को भी शामिल किया जा सकता है, जिससे इस क्षेत्र का विकास तेजी से हो सके।
मंडीबामोरा की विसंगति होगी दूर
मंडीबामोरा क्षेत्र में दो पंचायतें आती हैं—सिहोरा (विदिशा जिला) और बामोरा (सागर जिला)। परिसीमन के बाद इस क्षेत्र की विसंगतियों को दूर करने की उम्मीद है। बामोरा पंचायत के सरपंच दामोदर राय ने सुझाव दिया कि बीना को जिला बनाया जाए और उसमें सिहोरा और बामोरा पंचायतों को शामिल किया जाए, जिससे प्रशासनिक और विकास से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सके।
सिरोंज का ऐतिहासिक संदर्भ
सिरोंज के लोग इसका जिला बनने का ऐतिहासिक संदर्भ भी देते हैं। सेवानिवृत्त प्राचार्य मुकुट बिहारी श्रीवास्तव बताते हैं कि सिरोंज पहले राजस्थान की टोंक रियासत में एक जिला था। इसे पुनः जिला बनाया जाए तो इससे आसपास के गांवों को राहत मिलेगी, खासकर आनंदपुर क्षेत्र को।
कुरवाई नगर परिषद का विस्तार
परिसीमन के बीच कुरवाई तहसील में नगर परिषद के विस्तार की भी मांग उठ रही है। जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष सीताराम सैनी का कहना है कि भौरासा, बरेठा, खिरिया जैसी ग्राम पंचायतों को मिलाकर इसे नगर पालिका का दर्जा दिया जाना चाहिए, जिससे क्षेत्र का विकास तेजी से हो सके।
सांची पर्यटन स्थल विदिशा में शामिल हो सकता है
परिसीमन के तहत विदिशा जिले में एक और बड़ा बदलाव सांची पर्यटन स्थल का विदिशा जिले में शामिल होना हो सकता है। वर्तमान में यह रायसेन जिले का हिस्सा है, लेकिन विदिशा से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होने के कारण इसे विदिशा में शामिल करने की संभावना है।
परिसीमन से होंगे यह लाभ
स्थानीय लोगों को जिला मुख्यालय तक लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। उपेक्षित क्षेत्रों की सही निगरानी से विकास तेजी से होगा।ग्राम पंचायतों की विसंगतियों का समाधान होगा। छोटे जिलों का गठन विकास को गति देगा।
नए परिसीमन के जरिए विदिशा और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास की राह प्रशस्त हो सकती है। प्रशासनिक और भूगोलिक बदलावों से इन क्षेत्रों को नई पहचान और विकास का नया रास्ता मिल सकता है।