भोपाल: मध्य प्रदेश में पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है, जिसके तहत अब नॉन-आईपीएस अधिकारी भी एसपी (पुलिस अधीक्षक) बन सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है, जिससे राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के वरिष्ठ अधिकारियों को पदोन्नति का मौका मिलेगा। इन अधिकारियों के कंधों पर अशोक के चिह्न के साथ ‘एक स्टार’ लगाया जाएगा, जिससे उनकी नई रैंक का प्रतीक होगा।
इस बदलाव का उद्देश्य उन वरिष्ठ राज्य पुलिस सेवा अधिकारियों को प्रमोशन देना है जो वर्षों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे। नए बदलाव के तहत 16 जिलों में नॉन-आईपीएस अधिकारियों की एसपी के रूप में तैनाती हो सकती है, जिसमें मैहर, पांढुर्ना, आलीराजपुर, और हरदा जैसे जिले शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ बटालियनों और विशेष पुलिस इकाइयों में भी इनकी तैनाती की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश राज्य पुलिस सेवा एसोसिएशन के प्रस्ताव को सकारात्मक सहमति दी है। इसके तहत, राज्य सरकार ने इस मामले पर तेजी से कदम उठाते हुए गृह विभाग को निर्देश भेजा है। गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से इस पर तत्काल अभिमत मांगा है, ताकि प्रक्रिया को जल्द से जल्द आगे बढ़ाया जा सके।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने केंद्रीय गृह मंत्री के साथ भी पत्राचार किया है। इस पत्राचार का उद्देश्य केंद्र से आवश्यक जानकारी और अनुमोदन प्राप्त करना है, ताकि राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को एसपी के पद पर प्रमोट करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। केंद्र सरकार ने इस मामले में राज्य सरकार से पूरी जानकारी भी मांगी है, जिससे कि इस प्रस्ताव को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।
इस प्रक्रिया के तहत, मध्य प्रदेश में कुल 110 वरिष्ठ अधिकारियों को अतिरिक्त एसपी पद से एसपी पद पर प्रमोट किया जाएगा। इस निर्णय का स्वागत राज्य पुलिस सेवा एसोसिएशन द्वारा भी किया गया है, जिन्होंने प्रमोशन और अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।
यह बदलाव अन्य राज्यों जैसे असम, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में लागू की गई नीति के समान है, जहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बिना आईपीएस पद के एसपी या डीआईजी का कार्यभार दिया जाता है। इस कदम से मध्य प्रदेश में भी पुलिस महकमे में व्याप्त पदोन्नति से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
Recent Comments