गया: बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, और एक बार फिर उनके हालिया बयान ने सोशल मीडिया पर जोर पकड़ लिया है। इस बयान में उन्होंने हवस (लालच) से जुड़े एक सवाल को उठाते हुए कहा, “हमने हवस का पुजारी सुना है, लेकिन हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता है?”।
उन्होंने कहा, “हमने हवस का पुजारी सुना है, लेकिन हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता?” उनके अनुसार, लोगों के दिमाग में एक प्रायोजित तरीके से विचार और शब्द भर दिए गए हैं, ताकि उनके मानसिकता को प्रभावित किया जा सके। उन्होंने संकेत दिया कि समाज में शब्दों और विचारों का ब्रेनवॉश करने के लिए एक विशेष प्रणाली लागू की जा रही है।
यह बयान उन्होंने बिहार के बोधगया में दिया, जहां वह अपने अनुयायियों को पिंडदान करवाने गए थे। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि “सनातनी अपने धर्म और संतों का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय अपने मौलवियों की कभी बेइज्जती नहीं करता।”
इतना ही आगे पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हम किसी के विरोध में नहीं हैं. लेकिन आपने किसी मुसलमान कभी भी अपने मौलवियों की बेइज्जत नहीं करते हैं, लेकिन हमलोग करते हैं. हमने हवस का पुजारी सुना है. हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता है? हम लोग के दिमाग में बहुत ही प्रायोजित तरीके से ब्रेन को वॉश करने के लिए शब्दों को पहुंचाया जा रहा है और भरा जा रहा है.