الرئيسيةप्रदेशजबलपुरतिरंगे का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान… उमा की तर्ज पर क्या उदय...

तिरंगे का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान… उमा की तर्ज पर क्या उदय का होगा इस्तीफा? ये है मामला

 

जबलपुर। मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री उदय प्रताप सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाईकोर्ट ने तिरंगा यात्रा के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के अपमान से संबंधित याचिका को स्वीकार कर लिया है। इस मामलें में 14 अक्टूबर को सुनवाई हो सकती है, जिससे मंत्री की राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।

दरअसल, 11 अगस्त को मंत्री उदय प्रताप सिंह ने नरसिंहपुर जिले में चीचली से गाडरवारा के बीच तिरंगा यात्रा निकाली। यात्रा के दौरान उनपर आरोप लगा है कि राष्ट्रीय ध्वज को गलत तरीके से पेश किया गया। तस्वीरों और वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि तिरंगा यात्रा के दौरान ध्वज को नीचे लटकाया गया और कुछ वाहनों पर बैनर के रूप में चिपकाया गया।

इस मामलें में याचिकाकर्ता अभय बंगात्री ने स्थानीय पुलिस को इस मामले की लिखित शिकायत दी थी, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि पुलिस दबाव में आकर मामला दर्ज नहीं कर रही है, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया पड़ा। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई की तारीख 14 अक्टूबर तय की है। याचिकाकर्ता ने अदालत में यह भी सबूत पेश किए हैं, जिसमें तिरंगा यात्रा के दौरान ध्वज के अपमान के स्पष्ट प्रमाण हैं।

उमा भारती का मामला बड़ा उदाहरण

इस घटना की चर्चा करते हुए उमा भारती का 1994 का मामला भी सामने आता है, जब उन्होंने कर्नाटक के हुबली में तिरंगा फहराया था। उस घटना ने न केवल राजनीतिक उथल-पुथल पैदा की, बल्कि हिंसा भी भड़काई थी। इस मामले में उमा भारती पर दंगा भड़काने का आरोप लगा और अंततः उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। यह घटना बताती है कि तिरंगे का अपमान कितना संवेदनशील मामला हो सकता है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

यह मामला न केवल उदय प्रताप सिंह के लिए, बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन सकता है। तिरंगा यात्रा का आयोजन स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किया गया था, जो भारतीय संस्कृति और ध्वज के प्रति सम्मान का प्रतीक है। लेकिन इस प्रकार की घटना से न केवल राजनीतिक विवाद बढ़ सकता है, बल्कि यह देश के ध्वज के प्रति श्रद्धा को भी प्रभावित कर सकता है। इस तरह की घटनाएं जब सार्वजनिक मंच पर होती हैं, तो वे जनता के बीच असंतोष का कारण बन जाती हैं। अब यह देखना होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है और क्या इस मामले से मंत्री उदय प्रताप सिंह को राजनीतिक रूप से नुकसान होगा।

RELATED ARTICLES

ترك الرد

من فضلك ادخل تعليقك
من فضلك ادخل اسمك هنا

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!