मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक अजीबोगरीब और हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक स्नेक कैचर (सांप पकड़ने वाला) को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस व्यक्ति पर आरोप है कि वह रात के समय घरों में सांप छोड़ता था और फिर दिन में उन सांपों को पकड़कर पैसा कमाता था। इस करतूत का खुलासा तब हुआ जब न्यू द्वारकापुरी कॉलोनी के एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में उसकी गतिविधियां रिकॉर्ड हो गईं।
कैसे खुला मामला?
न्यू द्वारकापुरी कॉलोनी के एक घर में लगातार सांप निकलने की घटनाएं हो रही थीं, जिसे देखकर वहां के निवासियों ने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। एक दिन जब एक सांप घर में निकला, तो कॉलोनी के लोग फिर से स्नेक कैचर राकेश रजक को बुलाए। लेकिन जब कैमरे की फुटेज देखी गई, तो यह स्पष्ट हुआ कि राकेश खुद ही रात के अंधेरे में घरों के आसपास सांप छोड़ता था, ताकि सुबह उन्हें पकड़कर पैसे वसूल सके।
राकेश रजक को सांप पकड़ने के एवज में लोगों से 1000 से 1500 रुपये तक की राशि वसूलने की आदत थी, लेकिन उसकी असलियत तब सामने आई जब उसकी चालाकी कैमरे में कैद हो गई। इसके बाद कॉलोनी के निवासियों ने फिजिकल थाना पुलिस को इसकी जानकारी दी।
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राकेश रजक को हिरासत में ले लिया और मामले की जांच के लिए नेशनल पार्क (फॉरेस्ट) की टीम को भी बुलाया गया है। पुलिस का कहना है कि यह मामला न केवल धोखाधड़ी से जुड़ा है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण कानून के अंतर्गत भी जांच की जाएगी।
हालांकि, स्नेक कैचर राकेश रजक ने अपनी सफाई में कहा कि उसने सांप इसलिए छोड़ा था क्योंकि सांप ने चूहा खा लिया था और उससे बदबू आ रही थी। लेकिन उसकी यह दलील कैमरे में कैद स्पष्ट सबूतों के सामने टिक नहीं पाई।
शहर के कई कॉलोनियों में पिछले कुछ महीनों से सांप निकलने की घटनाएं तेजी से बढ़ी थीं, और लोग अक्सर राकेश रजक को ही सांप पकड़ने के लिए बुलाते थे। लेकिन अब जब यह पता चला है कि सांप निकालने की घटनाएं खुद उसी की करतूत थीं, तो लोगों में गहरा आक्रोश है।
इस मामले में फॉरेस्ट विभाग भी सक्रिय हो गया है, क्योंकि यह मामला वन्यजीव संरक्षण कानून से भी जुड़ा हुआ है। विभाग की टीम इस बात की जांच करेगी कि राकेश रजक ने कितने सांपों का अवैध रूप से इस्तेमाल किया और क्या इन सांपों को किसी तरह का नुकसान हुआ है।