भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके आर्थिक उत्थान के लिए एक प्रमुख योजना है, जिससे अब तक लाखों महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में सिंग्रामपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि अब तक राज्य की 1.29 करोड़ बहनों के खातों में 1574 करोड़ रुपए की राशि जमा की जा चुकी है। यह योजना महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
हालांकि, इस योजना का लाभ हर महिला को नहीं मिल पाता है। कुछ विशेष शर्तें और नियम हैं, जिनका पालन न करने पर महिलाएं इस योजना के तहत अपात्र मानी जाती हैं।
कौन महिलाएं होंगी अपात्र?
योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने कुछ नियम निर्धारित किए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। वे महिलाएं जो निम्नलिखित शर्तों के तहत आती हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा:
- वार्षिक आय सीमा: जिन महिलाओं की स्वयं या उनके परिवार की सम्मिलित वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से अधिक हो, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकती हैं।
- आयकरदाता परिवार: जिन महिलाओं के स्वयं या उनके परिवार का कोई भी सदस्य आयकरदाता है, उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी: जिन महिलाओं के परिवार का कोई भी सदस्य भारत सरकार, राज्य सरकार के किसी भी शासकीय विभाग, उपक्रम, मंडल या स्थानीय निकाय में नियमित या संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत हो, या फिर सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन प्राप्त कर रहा हो, वे भी इस योजना के लिए अपात्र मानी जाएंगी।
नए आवेदन कब खुलेंगे?
जो महिलाएं पहले आवेदन करने से चूक गई थीं, वे अब नए आवेदन का इंतजार कर रही हैं। हालांकि, फिलहाल नए आवेदन की प्रक्रिया बंद है, लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में सरकार फिर से आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगी, जिससे अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकेंगी।
लाड़ली बहना योजना राज्य की महिलाओं की जिंदगी में एक सकारात्मक बदलाव ला रही है। इस योजना के जरिए मिलने वाली आर्थिक सहायता से महिलाएं अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अपने भविष्य के लिए भी बचत कर पा रही हैं।
सरकार का यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है, लेकिन इसके लिए पात्रता के नियमों का पालन जरूरी है।