भोपाल, 8 अक्टूबर 2024: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दोनों पार्टियों को गौहत्या के मुद्दे पर वादाखिलाफी का दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों ने गाय संरक्षण के वादे किए थे, लेकिन उन्हें निभाने में विफल रहीं। शंकराचार्य ने लोगों से अपील की कि अब समय आ गया है कि वे केवल उसी पार्टी को वोट दें, जो गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का वचन दे।
गाय को ‘माता’ का दर्जा मिलने की मांग
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोर देकर कहा कि गाय को ‘माता’ का दर्जा मिलना चाहिए और उसे केवल एक पशु के रूप में नहीं देखा जा सकता। उन्होंने संविधान और भारत के अशोक चिन्ह का हवाला देते हुए कहा कि जब अन्य प्रतीकों—जैसे शेर और हाथी—को मारा नहीं जा सकता, तो गाय की हत्या कैसे जायज़ मानी जा सकती है। उन्होंने दावा किया कि भारतीय संस्कृति और धर्म के अपमान को रोकने के लिए उन्हें खुद सामने आकर इस मुद्दे पर बोलना पड़ा।
‘भाजपा और कांग्रेस ने तोड़ा भरोसा’
शंकराचार्य ने दोनों प्रमुख पार्टियों पर विश्वासघात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भी कहा था कि गाय का प्रश्न स्वराज से बड़ा है। कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों में गाय को बचाने का भरोसा दिलाया था, यहां तक कि पार्टी के चुनाव चिन्ह में भी बैल और बछड़े का इस्तेमाल किया गया, लेकिन जब सत्ता में आए, तो इस दिशा में कुछ नहीं किया। दूसरी ओर, भाजपा ने पूर्वोत्तर राज्यों में कहा कि गाय का मांस खाना वहां की संस्कृति का हिस्सा है, जो कि उनके वादों के विपरीत है।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ’16वें राज्य के रूप में वे मध्य प्रदेश पहुंचे हैं, लेकिन गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए जाने की दिशा में सबसे पहले महाराष्ट्र ने कदम उठाया है. महाराष्ट्र ने गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए सबसे पहले प्रस्ताव पास किया है, लेकिन दुख की बात है कि हमेशा छोटी-छोटी बातों पर सोशल मीडिया पर ट्वीट करने वाले एक भी नेता ने इस पर अपनी खुशी जाहिर नहीं की. गाय के साथ फोटो खिंचवाने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर कुछ नहीं कहा.
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद यादव वंश से आते हैं. उन्होंने पहले अच्छा काम किया, इसलिए उनकी तारीफ की थी, लेकिन बाद में गाय के अंतिम संस्कार के नाम पर उसके शव से मछलियों के दाने बनने लगे. उन्होंने कहा कि मोहन यादव गाय के मामले में साफ रहिए. कोई अपने आप को कितना ही गौ भक्त कहे, लेकिन जो गौ भक्त नहीं हो सकता, वह हिंदु भी नहीं हो सकता. वे गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करें, मैं उनकी आरती उतारूंगा.
अंत में शंकराचार्य ने जनता से अपील की कि वे उन पार्टियों को वोट दें, जो गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि लोग सोच-समझकर अपना मत दें और केवल उन लोगों का समर्थन करें जो गाय और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।