मध्यप्रदेश सरकार ने दिल्ली और मुंबई में प्रतिनियुक्ति पर अफसरों की नियुक्ति प्रक्रिया को और कड़े नियमों के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। अब अधिकारियों को अपनी प्रतिनियुक्ति के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के अपर मुख्य सचिव (ACS) सहित चार प्रमुख अधिकारियों की सहमति लेनी अनिवार्य होगी।
सरकार ने इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक इंटरनल इंवेस्टिगेशन कमेटी का भी गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता ACS करेंगे। यह कमेटी एमपी भवन, मध्यांचल और मध्यलोक (मुंबई) में अफसरों की प्रतिनियुक्ति के मामलों की समीक्षा करेगी और अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही प्रतिनियुक्ति को अंतिम स्वीकृति दी जाएगी।
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारी अपनी मनमर्जी से प्रतिनियुक्ति प्राप्त न करें और राज्य के हितों के अनुरूप ही फैसले लिए जाएं।